धान खरीदी केंद्रों में किसानों की कोरोना जांच अनिवार्य, दुर्ग के 2 किसान मिले संक्रमित
दुर्ग। किसानों की धान खरीदी केंद्रों में जांच अनिवार्य किया गया था, लेकिन इस सरकारी आदेश की खुलेआम अनदेखी हो गई। धान खरीदी केंद्रों में पहुंचे किसानों व समितियों में काम करने वाले कर्मचारियों ने सरकार के इस आदेश का पालन नहीं किया। जिले के 63192 किसान धान बेच चुके हैं, लेकिन कोरोना के लिए सैंपल केवल 666 किसानों के ही लिए जा सके। जांच के बाद दो किसानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। एंटीजन टेस्ट में वे पॉजिटिव मिले। जिले में इस समय 90 धान खरीदी केंद्र हैं। इनमें से 61 केंद्रों में एक भी किसान व वहां के स्टाफ की जांच नहीं हो पाई। धान बेचने पहुंचे 62526 किसानों की कोरोना जांच नहीं हो पाई, 94119 किसानों को धान बेचना है।
दुर्ग ब्लॉक में सबसे कम टेस्ट –
जिले में सबसे कम कोरोना टेस्ट धान खरीदी केंद्र दुर्ग ब्लॉक में हुए हैं। यहां 21 खरीदी केंद्र हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम 8 केंद्रों तक पहुंची। जिसमें 117 किसानों का टेस्ट हुआ। 13 खरीदी केंद्रों में टीम गई, किसी भी किसान ने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया।
धमधा में 399 किसानों की जांच हुई –
धमधा ब्लॉक में खरीदी केंद्र की 34 संख्या है। इसमें से 11 धान खरीदी केंद्रों में किसानों की कोरोना जांच हुई । 399 किसानों ने जांच करवाएं जो जिले में सबसे अधिक है। 23 केंद्रों में जांच नहीं हुई। पाटन ब्लॉक में 35 केंद्रों में से 10 में टीम ने 150 लोगों की जांच की।
दुर्ग ब्लॉक के 2 किसान मिले संक्रमित –
दो किसान पॉजिटिव मिले हैं वे दुर्ग ब्लॉक के हैं। ननकट्टी धान खरीदी केंद्र में कुल 22 लोगों की जांच की गई। जिसमें 11 एंटीजन और 11 आरटीपीसीआर टेस्ट में से एक किसान पॉजिटिव। ढौर केंद्र 28 लोगों की कोरोना टेस्ट की गई।
इसलिए है कोरोना टेस्ट जरूरी
जब धान खरीदी एक दिसंबर को शुरू हुई तो नवंबर में ही 3553 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके थे। दिसंबर में 3483 लोगों में संक्रमण हुआ। जनवरी में 5 तारीख तक 580 मरीज मिल चुके हैं। 6 जनवरी को 136 संक्रमित निकले, 2 की मौत । जनवरी में अब तक 716 लोग संक्रमित मिले। हर दिन औसत 125 मरीज मिल रहे ।
खरीदी केंद्रों में धान की खरीदी के दौरान हजारों की संख्या में किसान केंद्रों तक पहुंचते हैं। यदि एक भी संक्रमित मिला तो आसपास के अन्य क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसे देखते हुए सभी जगहों पर इसे अनिवार्य किया गया। किसान बताते हैं कि बारदाने हैं नहीं इसलिए धान बेचने में दिक्कतें है।
हर ब्लॉक में बनी जांच के लिए टीम
1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू है। स्वास्थ्य विभाग ने 8 दिसंबर से खरीदी केंद्रों में कोरोना जांच के लिए टीम बनाई। हर ब्लॉक में छह लोगों की टीम बनाई गई। टीम को एक दिन में छह खरीदी केंद्रों में जाकर किसानों की कोरोना जांच करनी थी। 8 दिसंबर से अब तक 23 दिन हो चुके लेकिन 90 में से 29 केंद्रों में ही जांच हुई है।