रविवि में ’औद्योगिक समाजशास्त्र’ का विमोचन
रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र अध्ययनशाला की वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. हेमलता बोरकर वासनिक द्वारा लिखित पुस्तक ’औद्योगिक समाजशास्त्र’ का कुलपति प्रो. केशरी लाल वर्मा ने विमोचन किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. गिरीशकांत पांडेय सहित समाजशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष व सभी प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
कुलपति प्रो. केशरी लाल वर्मा ने सोमवार को यहां कुुलपति कक्ष में ’औद्योगगिक समाजशास्त्र’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने डॉ. हेमलता बोरकर वासनिक को शुभकामनााएँ देते हुए कहा कि यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। इसका लाभ शोधार्थियों को भी प्राप्त होगा। इसमें अनेक ज्ञानवर्धक तथ्यों का सामावेश किया गया है। कुलसचिव प्रो. गिरीशकांत पांडेय ने इसे सराहनीय प्रयास कहा। इस अवसर पर समाजशास्त्र अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ. एल.एस. गजपपाल ने अध्ययनशाला की अकादमिक उपलब्धियों से अवगत कराया जिस पर कुलपति एवं कुलसचिव ने हर्ष व्यक्त कर निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहने की आशा व्यक्त की। विमोचन के अवसर पर समाजशास्त्र अध्ययनशाला के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एन. कुजूूर, प्रबंधन अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक डॉ. बंसो नुरुटी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। ’औद्योगिक समाजशास्त्र’ पुस्तक की लेखिका डॉ. हेमलता बोरकर वासनिक ने बताया कि औद्योगिक समाजशास्त्र, समाजशास्त्र की ही एक शाखा है जिसके अंतर्गत उद्योग का समाज एवं समाज का उद्योग पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
इस पुस्तक में लेखिका ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के एम.ए. चतुर्थ सेमेस्टर के अनुसार विषय वस्तु को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। ’औद्योगिक समाजशास्त्र’, एम.ए. चतुर्थ सेमेस्टर एवं स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए लाभदायक साबित होगी। यह पुस्तक 22 अध्यायों में विभक्त है जिसके अंतर्गत औद्योगिक संबंध की अवधारणा, उद्योग और मानवीय संबंध, औद्योगिक संघर्ष, श्रम संघवाद, वैश्वीकरण, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, औद्योगिकरण एवं धर्म के मध्य संबंध सहित अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों का समावेश किया गया है। यह पुस्तक विद्यार्थियों के दृष्टिकोण के अनुसार सरल भाषा शैली में लिखी गई है।