9 माह की बच्ची के गले में फंस गया था प्लास्टिक, डॉक्टर ने इमरजेंसी ऑपरेशन कर बचाई जान
राजनांदगांव। 9 माह की बच्ची के गले में क्लचर फंस गया था। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। परिजन सोमवार की दोपहर आनन-फानन में बालिका को बसंतपुर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां ईएनटी डिपार्ट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राहुल सिंह ने बच्ची की स्थिति को देखते हुए इमरजेंसी ऑपरेशन कर गले फंसे क्लचर को निकाला, तब जाकर बच्ची की जान बच पाई।बच्ची अब स्वस्थ्य है। परिजनों ने बताया कि बच्ची आंगन में खेल रही थी। इस दौरान उसके हाथों में प्लास्टिक का क्लचर आ गया।बच्ची ने क्लचर को मुंह में डाल लिया। यह गले में फंस गया था। वह सांस नहीं ले पा रही थी। उसकी हालत देखने के बाद स्थानीय अस्पताल लेकर गए थे पर राहत नहीं मिल पाई। मुंह से खून बहना शुरू हो गया था। यह देखकर परिजनों का बुरा हाल था।
हालत नाजुक थी, गले से निकाला क्लचर
परिजन जैसे-तैसे बालिका को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर राहुल ने बच्ची की हालत देखकर अपनी टीम को तत्काल अलर्ट किया और ऑपरेशन थियेटर ले गए। जहां आधे घंटे के भीतर बच्ची के गले में फंसा क्लचर बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद बच्ची की हालत सामान्य बताई जा रही है।
बच्चे खेलते हुए निगल जाते हैं सामान
डॉ राहुल ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से बालिका की स्थिति गंभीर हो रही थी पर इमरजेंसी ऑपरेशन से उसकी जान बचा ली गई। डॉ राहुल ने कहा कि जिस घर में बच्चे हैं, वहां पर ऐसे सामानों को बाहर न रखें। बच्चे खेलते हुए ऐसे सामानों को निगल जाते हैं, यह रिस्की है। बच्चों की हमेशा निगरानी करते रहना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के उप प्रांताध्यक्ष पीसी जेम्स ने बताया कि बालिका के परिजन बेहद घबराए हुए थे पर ईएनटी डिपार्ट के डॉक्टर ने रिस्की ऑपरेशन कर बच्ची की जान बचा दी। जेम्स ने कहा कि उक्त डॉक्टर ने इमरजेंसी में ऑपरेशन कर मिसाल पेश की है। कर्मचारी संघ की ओर से ऐसे डॉक्टर्स का सम्मान किया जाएगा।