पाकिस्तान की एक और करतूत आई सामने, कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मिली सुरंग

जम्मू । सीमा सुरक्षा बल ने कठुआ के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक सुरंग का पता लगाया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरंग मिलने से पाकिस्तान की आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजने की एक और करतूत सामने आई है।

अधिकारियों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक सुरंग का पता लगाया है। एक अभियान के दौरान सुबह बोबिया गांव में बीएसएफ के जवानों द्वारा आतंकवादियों की घुसपैठ की सुविधा के लिए सीमा पार से बनाई गई सुरंग का पता चला। बीएसएफ के वरिष्ठ और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। इससे पहले अगस्त 2020 में सांबा के सीमावर्ती गांव बैन ग्लाड की सीमा पर एक सुरंग मिली थी। सीमा से पचास मीटर दूर मिली इस सुरंग में पाकिस्तान निर्मित बोरियां बरामद हुई थीं। जिनमें बालू (रेत) भरी हुई थी। बता दें कि इससे पहले भी सीमा से सटे कई इलाकों में सुरंग मिल चुकी हैं।

बीएसएफ को सांबा क्षेत्र में सुरंग के बारे में इनपुट मिल रहे थे। इसके मद्देनजर विशेष टीमों को इसका पता लगाने के लिए निर्देश दिए गए थे। एक विशेष टीम को सुरंग मिली। यह सुरंग शून्य रेखा से लगभग 150 गज लंबी थी। सुरंग के मुहाने को सैंडबैग द्वारा बंद किया गया था। एलओसी पर सख्ती के बाद पाकिस्तान ने आतंकियों को धकेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। पुलवामा हमले में शामिल आतंकी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से ही घुसपैठ कर दाखिल हुए थे। इसकी पुष्टि एनआईए की ओर से दाखिल चार्जशीट में हो चुकी है। नगरोटा हमले के बाद जिसमें आतंकियों के अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की खबरें आई थी, बीएसएफ की ओर से बार्डर इलाकों में ऑपरेशन सुदर्शन चलाया गया था। इसके तहत बार्डर से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों तथा ढोक (झोपड़ी) में रहने वालों की सूची बनाई गई थी। यह फुलप्रूफ इंतजाम करने की कोशिश की गई थी कि यदि घुसपैठ की कोशिश हो तो उसका आसानी से पता लगाया जा सके।