खुड़मुड़ा हत्याकांड की गुत्थी अब तक अनसुलझी, प्रत्यक्षदर्शी की मनोरोगी विशेषज्ञ से काउंसिलिंग
दुर्ग। अमलेश्वर के खुड़मुड़ा गांव के सोनकर परिवार के 4 सदस्यों की हत्या की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। पुलिस एक्सपर्ट्स से लेकर बनाई गई एसआईटी टीम भी इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में अब तक असफल साबित हुई है। क्राइम सीन को रिक्रिएट करने के अलावा घटना के चश्मदीद 11 वर्षीय दुर्गेश से लगातार पूछताछ जारी है। गुरुवार को रोहित की मनोरोगी विशेषज्ञ चिकित्सक से काउंसिलिंग भी कराई गई। सब बेनतीजा रही।
फॉरेंसिक रिपोर्ट से केवल हत्या करने का तरीका पता चला है –
पूरे मामले की जानकारी है कि एफएसएल रिपोर्ट से केवल यह पता चला कि चारों की मौत का तरीका क्या था। रोहित और उसके पिता की हत्या गला दबाकर की गई जबकि रोहित की मां दुलारी बाई की मौत सिर के पिछले हिस्से में किसी वस्तु से हमला करने से हुई थी। रोहित की पत्नी कीर्तिन के सिर पर सिलबट्टे से वार किया गया। चारों को मौत के घाट उतारने के बाद तीन के शव पानी के टंकी में फेंक दिया गया। बहुत सारे मूवमेंट की वजह से फिंगर और फुट प्रिंट नहीं मिल सके। घटना का एक मात्र प्रत्यक्षदर्शी 11 साल का नाबालिग है। उससे ही सुराग मिलेगा। काउंसिलिंग जरूरी
मनोवैज्ञानिक की मदद ले पुलिस बच्चे का बयान लंबे अंतराल के बाद अलग अलग सामने आया है। बच्चा पहले हत्या में एक व्यक्ति के शामिल होने की जानकारी दे रहा था। लेकिन कुछ दिन पहले उसने रात में अलग और हत्या करने के बाद जाने वाला व्यक्ति अलग था। इससे लग रहा है कि अनजाने में बच्चा मिस लीड करने की कोशिश कर रहा है। इससे विवेचना में समस्या आ रही होगी। यह भी पता चला है कि बच्चे ने जो स्कैच बनवाया था, वह भी महज उसकी कल्पना थी। 11 साल के बच्चे से सच्चाई जानने के लिए पुलिस को साइकैट्रिस्ट या साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाना चाहिए। तभी कुछ मदद मिल पाएगी।
किसी भी मर्डर की जांच तीन थ्योरी पर आधारित होती है। दुश्मनी, महिला और प्रॉपर्टी विवाद। हत्या का कारण इन्ही में से एक निकलेगा। चोरी की घटनाओं को खुलासा हो ना हो, लेकिन हत्या जैसे अपराधों से पर्दा उठ जाता है। कई बार मर्डर की गुत्थी सुलझने में लंबा समय लग जाता है। मर्डर की सिरा घटना स्थल के आस पास ही रहता है। लेकिन देख नहीं पाते है।
नई टीम गठित
एसआईटी गठित की, अब सीएसपी और टीआई शामिल: जांच के लिए गठित एसआईटी मेंं सीएसपी भिलाई नगर और जामुल, खुर्सीपार, साइबर सेल प्रभारी समेत कई विवेचकों को शामिल किया गया। पहले एसडीओपी बेमेतरा भी टीम में शामिल किए गए। 14 लोगों की एसआईटी के बाद भी जिले के कई थाना प्रभारी मौखिक आदेश पर जांच में जुटे हुए हैं। अमलेश्वर थाने में तंबू लगा हुआ है।
आरोपी 21 दिसंबर को तड़के रोहित सोनकर उसके पिता बालाराम, मां दुलारी बाई और पत्नी कीर्तिन बाई की हत्या करके फरार हो गया। हत्याकांड का पता चलने के बाद से पुलिस लगातार कारणों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। जर-जोरू-जमीन की थ्योरी पर जांच की। हर एंगल से जांच की।
साइबर टीम ने 1 महीने में करीब 1 हजार लोगों के कॉल नंबर को ट्रेस किया। घटना के वक्त सिर्फ रोहित का मोबाइल ही चालू मिला। हर संदेही के कॉल डिटेल खंगाले गए। संदेह के आधार पर कुछ को हिरासत में भी लिया गया। अमलेश्वर, रायपुर, भाठागांव, शास्त्री मार्केट, बैजनाथ पारा से फुटेज की जांच की हुई।
दुर्गेश के बताए आधार पर ब्लैक एंड वाइट स्कैच तैयार कराया गया। संदेह के आधार पर दूसरा स्कैच बनवाया गया। इसके बाद फिर तीसरा कलर स्कैच बनाया गया। करीब 25 दिन तक पुलिस इन्हीं तीनों स्कैच के आधार पर 1 हजार लोगों की तस्वीर से मैच करने की कोशिश करते रही। रोहित के एक भाई ने पार्टी की, जिसमें करीब 6 लोग शामिल थे।