फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई कलयुगी मामा को आजीवन करावास की सजा
मासूम से दुराचार करने वाले मामा को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चौपाई लिखकर सुनाई आजीवन करावास की सजा
भिलाई:- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रामचरित मानस की चौपाई लिखकर नाबालिग भांजी से अश्लील हरकत करने वाले कलयुगी मामा को मरते दम तक जेल की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश ममता भोजवानी ने फैसले में लिखा है, ‘अनुज वधु भगिनी सुत नारी। सुनु सठ कन्या सम ए चारी ।। इन्हहि कृदृष्टि विलाकई जोई। ताहि बंघे कछु पाप न होई ।।’ न्यायाधीश ने चौपाई का अर्थ समझाते हुए बताया कि उपरोक्त छंद रामचरित मानस के किष्किंधा कांड मेंं बाली बध के संदर्भ का है। इसका आशय है कि छोटे भाई की पत्नी, बहन, बहू और कन्या ये चारों समान हैं। इन पर बुरी नजर रखने वाले का संहार पाप नहीं है।
बच्ची माता-पिता के साथ ननिहाल आई थी
विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने बताया कि घटना स्मृति नगर पुलिस चौकी इलाके की है। अगस्त 2019 में साढ़े चार साल की नाबालिग बच्ची माता-पिता के साथ ननिहाल आई थी। मासूम को घर में छोड़कर उसकी मां रिश्तेदार से मिलने गई थी। घर लौटने पर बेटी रोती हुई हालत में पड़ी मिली। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। वहीं पर संदिग्ध हालत में 28 वर्षीय मामा भी था। घटना से आहत होकर उसने थाने में शिकायत की थी।
एडवोकेट ने बताया कि सुनवाई के दौरान मामले की विवेचना करने वाले अधिकारी समेत 7 गवाहों का परीक्षण किया गया था। इनमें नाबालिग के माता-पिता,चौकी प्रभारी प्रमोद श्रीवास्तव और महिला अधिकारी कमला यादव के बयान लिए गए। इसके साथ एक स्वतंत्र गवाह के बयानों का भी परीक्षण किया गया था। कोर्ट ने महज 18 महीने में सुनवाई करके फैसला सुनाया है।
बच्चियों से अश्लील हरकत करने वाले 50 वर्षीय आरोपी को दो वर्ष की सजा
सुभ्रा पचौरी की कोर्ट ने शुक्रवार को दो नाबालिगों लड़कियों से अश्लील हरकत करने वाले 50 वर्षीय आरोपी सुबेदी राम निषाद को 2 वर्ष की सजा सुनाई गई है। उस पर पांच सौ रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। आर्थिक दंड जमा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त सजा भुगतना होगा। विशेष लोक अभियोजन कमल किशोर वर्मा ने मामला 19 नंवबर 2017 का है। रानीतराई इलाके की 7 और 10 वर्षीय दो नाबालिगों के साथ सुनसान इलाके में ले जाकर आरोपी ने अश्लील हरकत की थी। आरोपी ने 2 रुपए देकर दोनों को अंधेरे में बुला लिया था। दोनों बच्चियों को तलाशते हुए परिजन स्कूल ग्राउंड के पास पहुंचे तो आरोपी फरार हो गया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पॉक्सो के 12 प्रकरणों का किया निराकरण
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के मामले में अब तक 12 प्रकरणों का निराकरण करते हुए आरोपियों को सजा सुनाई है। अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने बताया कि न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी की कोर्ट ने अब तक 5 मामलों में आरोपियों को अलग अलग सजा सुनाई है। इसी तरह बाकी 7 मामलों में बाकी तीन कोर्ट के न्यायाधीशों ने अपराधियों को कारावास की सजा सुनाई है। इस प्रकार मामलों में गवाहों के परीक्षण के साथ ही जल्द फैसले आए।