बस हादसा: छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने बदला था रास्ता
मध्यप्रदेश। सीधी में मंगलवार को एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। सतना जा रही बस मंगलवार सुबह करीब 7.30 बजे मध्यप्रदेश के सीधी जिले में 22 फीट गहरी बाणसागर नहर में गिर गई। हादसे में अब तक 51 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि सात लोगों की जान बच गई है। वहीं चार लोग अभी भी लापता हैं। जानकारी के अनुसार, नहर में बहाव तेज होने के कारण कुछ शव बह गए हैं। 51 शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए रामपुर नैकिन में डॉक्टर कम पड़ गए। जिले भर से डॉक्टरों को बुलाया गया और सभी शवों का पोस्टमार्टम किया गया।
बताया जा रहा है कि इस बस को चुरहट, रामपुर नाइकिन, बादरबार और गोविंदगढ़ से सीधी होते हुए सतना पहुंचना था। बस चुरहट पहुंची, लेकिन उसके बाद रामपुर नैकिन से छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने रूट बदल दिया। हादसे में बची एक छात्रा विभा प्रजापति का कहना है कि अगर उनका परीक्षा केंद्र सतना की जगह सीधी में होता तो शायद उनकी जान बच जाती।
हादसे में नर्सिंग की एक छात्रा विभा प्रजापति को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। उसका कहना है कि परीक्षा केंद्र पर जल्दी पहुंचने के लिए बस तेज रफ्तार से चल रही थी। स्टूडेंट के अलावा बस में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे, जब बस अचानक से नहर में गिरी तो ड्राइवर ने कहा कि अपनी जान बचा सकते हो तो बचा लो। छात्रा ने कहा देखते ही देखते लोग नहर में बहने लगे। बह खुद भी पानी में डूबने लगी, लेकिन तभी मौके पर पहुंचे लोगों ने उसे बचा लिया।
दरअसल, सीधी से सतना जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 39 चुहिया घाटी से होकर गुजरता है। घटिया और अधूरी सड़कों के कारण चुहिया घाटी पिछले कुछ दिनों से जाम है। चुहिया घाटी से पहले कई ट्रेनें बागवार गांव से गुजर रही हैं। बस के ड्राइवर ने भी जाम से बचने के लिए रूट बदल दिया।
एनटीपीसी और रेलवे का था एग्जाम
16 फरवरी को रेलवे, एनटीपीसी और नर्सिंग का एग्जाम था। जिसके लिए सतना और रीवा में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसके अलावा नर्सिंग की छात्राओं का भी एग्जाम सतना में था। ऐसे में बस में अधिकतर छात्र शामिल थे। बताया जा रहा है कि परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने के लिए छात्रों के कहने पर ड्राइवर ने बस का रूट बदल लिया, ताकि छात्र समय से परीक्षा में शामिल हो सके। लेकिन रूट बदलना ही इस हादसे की वजह बना।
बांध के पानी को हटाने के बाद शुरू हुआ बचाव अभियान
हादसे के दौरान नहर में पानी का बहाव अधिक था। जब बचाव दल मौके पर पहुंचा, तो बस 22 फुट गहरी नहर में डूबी हुई थी। 40 किमी दूर बांध जलाशय से पानी रोकने के बाद, इसे सिहावल नहर की ओर मोड़ दिया। उसके बाद, नहर में पानी कम हो गया और गोताखोर नहर में उतर गए और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का बचाव अभियान शुरू किया गया।
पुलिस के मुताबिक, बस की क्षमता 32 सवारियों की थी, लेकिन इसमें 54 यात्री भर लिए गए थे। बस को अपने तय समय पर सुबह पांच बजे रवाना होना था, लेकिन ये सुबह तीन बजे रवाना हो गई।सीधी मार्ग पर छुहिया घाटी से होकर बस को सतना जाना था, लेकिन यहां जाम की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया। वह नहर के किनारे से बस ले जा रहा था।
यह रास्ता काफी संकरा था और इसी दौरान ड्राइवर ने संतुलन खो दिया, जिसके चलते बस खाई में गिर गई। बस के नहर में गिरते ही ड्राइवर बालेंद विश्वकर्मा ने तैरकर अपनी जान बचा ली। वह रीवा जिले के हरदुया सेमरिया गांव का रहने वाला है। बता दें कि झांसी से रांची के जाने वाला हाईवे सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली होते हुए जाता है। यहां जगह-जगह सड़क खराब और अधूरी है। इस वजह से यहां आए दिन जाम की स्थिति रहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधी बस हादसे पर दुख जताया। साथ ही मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की मुआवजा देने और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुयये दिए जाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी।
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुआ बस हादसा बहुत दुःखद है, मैंने मुख्यमंत्री शिवराज जी से बात की है। स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव के लिए हर संभव मदद पहुंचा रहा है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं व घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बस का परमिट रद्द कर दिया है। साथ ही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ये बस जबलानाथ परिहार ट्रेवल्स की थी। बस के मालिक कमलेश्वर सिंह हैं। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जांच में जो भी दोषी होगा छोड़ा नहीं जाएगा।