सोशल मीडिया पर महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील बनाकर इंटरनेट पर किया जा रहा पोस्ट

दुर्ग। जिला सायबर सेल की ओर से सोशल मीडिया पर सेल्फी पोस्ट को लेकर एडवायजरी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि महिलाओं की तस्वीर को बड़ी आसानी से डीप नेक टेक्नोलॉजी की मदद से अश्लील तस्वीरों में बदला जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील बनाकर इंटरनेट पर पोस्ट किया जा चुका है। सोशल मीडिया की जिन तस्वीरों के साथ आसानी से छेड़छाड़ हो सकती है, उनमें ज्यादातर सेल्फी होती हैं। सेल्फी में चेहरा साफ-साफ दिखाई देता है। साइबर अपराधी ज्यादातर सेल्फी का ही दुरुपयोग करते हैं। डीप फेक के जरिए केवल महिलाओं को ही बदनाम करने की कोशिश नहीं की जाती, बड़े-बड़े नेता, सेलिब्रिटीज भी इसके शिकार होते हैं।

हालांकि विदेशों में सहमति लेकर अश्लील फोटो बनवाया जाता है। इस खुलासे के बाद से जिले की सायबर टीम सक्रिय हो गई है। लगातार वह सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है। ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति सामने आने के बाद तत्काल ऐसे आरोपियों की पहचान की जा सके। उन्हें पकड़ा जा सके और नियमत: कार्रवाई हो।

फोटो से की जाती है छेड़छाड़
सायबर एक्सपर्ट रोहित मालेकर के मुताबिक महिलाओं की तस्वीर को एप्लीकेशन और बॉट टेक्नोलॉजी के जरिए अश्लील बना दिया जाता है। इसके बाद फोटो को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर वायरल किया जाता है। इस काम को इतनी सफाई से किया जाता है कि असली और नकली तस्वीरों और वीडियो में फर्क कर पाना मुश्किल होता है। डीपफेक बॉट दरअसल एक ऐसा रोबोट है, जो मैसेजिंग एप पर इंसानी बातचीत की भी नकल कर सकता है। सोशल मीडिया से महिलाओं की प्राप्त तस्वीरों को बॉट अश्लील तस्वीरों में बदल सकता है। इंटरनेट पर ऐसे कई डीपफेक बॉट्स मौजूद हैं।

 
एक्सपर्ट बताते हैं कि यह एप्लीकेशन ठीक उसी तरह काम करता है जैसे आप खुद को बुजुर्ग हालत में देखने के लिए वर्तमान तस्वीर एप पर पोस्ट करते हैं। एक बॉट से खुलासा हुआ है कि जिन एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदला गया, उन्हें इंटरनेट से हटाना भी मुमकिन नहीं है। इंटरनेट पर कोई आपत्तिजनक कंटेंट एक बार अपलोड हो जाए, तो उसे पूरी तरह से हटाना लगभग असंभव है। इस खुलासे के बाद से ही जांच बढ़ी है।

जिले के सायबर सेल ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि सेल्फी पोस्ट के दौरान सावधानी बरती जाए। अपलोड करने के बाद नियमित रूप से उस पर नजर बनाई रखी जाए। ऐसी पोस्ट में किए जाने वाले पोस्ट पर भी ध्यान दें। संदिग्ध गतिविधियां व विषय पता चले तो इगनोर करने के बजाए तत्काल इसकी शिकायत सायबर सेल से करें। ताकि किसी भी प्रकार की बड़ी घटना को होने से रोका जा सके। इसके लिए हर जिले में सायबर सेल का गठन किया गया है।

जिले सहित प्रदेश में सेल्फी व अन्य पोस्ट की फोटो को अश्लील बनाए जाने का यह मामला पिछले 6 महीनों में तेजी से बढ़ा है। लगातार मिल रही शिकायत के बाद क्राइम सेल की टीमें सक्रिय हुई हैं। दिल्ली से इससे जुड़े डेटा मांगे गए हैं। ताकि ऐसे संदिग्धों की पहचान हो सके, जो नियमित रूप से सर्फिंग करते हैं। अलग-अलग लोगों के पोस्ट पर कमेंट करते हैं। ऐसे लोगों की पहचान के साथ उनकी निगरानी करने की प्लानिंग की गई है।

“एप्लीकेशन से खिलवाड़ खतरनाक साबित हो सकता है। एप्लीकेशन और बॉट के जरिए तस्वीर को अश्लील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी का सायबर अपराधी दुरुपयोग कर रहे हैं। इसलिए हम सभी को अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है। इस बारे में समय-समय पर जागरूकता अभियान भी शउरू करने की तैयारी है। ताकि लोग अलर्ट हो सकें।”