खुड़मुड़ा हत्याकांड: 11 लोगों का हुआ नार्को टेस्ट, गांव में घूमने लगे संदिग्ध, ग्रामीणों ने SDOP को सौंपा ज्ञापन
भिलाई । 21 दिसंबर की सुबह अमलेश्वर थाना अंतर्गत ग्राम खुड़मुड़ा में एक-एककर चार लाश मिली थी। मुख्यमंत्री के विधानसभा में हुई इस हत्याकांड से पूरा प्रदेश दहल गया था। लिहाजा पुलिस ने भी इसकी हाईप्रोफाइल जांच की। दो महीने तक चली जांच के बाद भी नतीजा शुन्य ही रहा। बता दें कि 21 दिसंबर 2020 को पाटन विधानसभा क्षेत्र के गांव खुड़मुड़ा में बालाराम सोनकर, उसकी पत्नी, पुत्र तथा बहू की लाश मिली थी। बहू की लाश खेत में तथा बाकी तीन लाशें पानी टंकी में पाई गई थी। 11 साल का दुर्गेश घायल अवस्था में मिला था। इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे। लाश मिलने के बाद पुलिस ने पूरे इलाकों को छावनी में तब्दील कर जांच शुरू की। जांच चलती रही, लगा कि अब मामला सुलझ जाएगा, पर कातिलों का एक सुराग तक नहीं मिला।
महत्वपूर्ण बिंदु :-
- हत्याकांड की खबर लगते ही दुर्ग जिला पुलिस ने जांच शुरू की।
- दुर्गेश के ठीक होने का इंतजार किया गया। दुर्गेश ने बयान दिया कि घटना की रात एक अंकल आए थे। उन्होंने सबके साथ चिकन खाया था। उसके बाद उसे कुछ पता नहीं।
- इधर पुलिस ने अज्ञात अंकल की तलाश में 14 सौ टीमों को तैनात कर दिया।
- पांच सौ ग्रामीणों से पूछताछ की गई।
- वारदात के हर एंगल तलाशे गए। मसलन जमीन विवाद, पारिवारिक विवाद, पुरानी रंजिश , तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, मृतकों का किस-किस से कैसा संबंध था।
- दलालों तथा बिल्डरों पर भी शिकंजा कसा, दरअसल पुलिस को कंट्रेक्ट किलिंग का भी संदेह हुआ।
- तीन बार संदिग्ध का स्केच बनवाया गया। स्केच के आधार पर कातिल की तलाश के लिए टीमों को राजस्थान व मध्य प्रदेश भेजा गया। धार्मिक स्थलों पर भी तलाश की गई।
- स्वयं मुख्यमंत्री को घटना स्थल पर आना पड़ा।
- गृहमंत्री व डीजीपी भी घटना स्थल पर पहुंचे।
- दुर्ग पुलिस के साथ रायपुर पुलिस व साइबर सेल को भी जांच के लिए लगाया गया।
- भोपाल से फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाए गए।
- सांसद विजय बघेल ने सीबीआई जांच की मांग भी रखी।
- 2 महीने की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ एक सिंगल क्लू भी नहीं लगा।
- पुलिस की आखिरी उम्मीद नार्को टेस्ट है। पुलिस ने 11 लोगों का नार्को टेस्ट कराया, रिपोर्ट आना बाकी है।
- बाद में जांच अधिकारी बदल दिया गया। जांच टीम भी कम कर दी गई। धीरे-धीरे यह मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखा रहा है।
ग्रामीणों ने एसडीओपी को सौपा ज्ञापन
गांव में असामाजिक तत्वों की चहल पहल बढ़ गई है। जब से घटना घटी है। तब से रात को कई लोग गांव में घूमते नजर आते हंै। ग्रामीणों ने कुछ लोगों को रात को गांव में बेवजह घूमते पकड़कर अमलेश्वर पुलिस के भी हवाले किया, लेकिन पुलिस उन पर कार्रवाई व जांच करने के बजाय उसे छोड़ देती हैं। ग्रामीणों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है। इन्हीं सब विषयों को लेकर ग्राम खुड़मुड़ा के लोगों ने एसडीओपी पाटन को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन सौपने वालो में सरपंच प्रतिनिधि धर्मेंद्र सोनकर, खुबीराज सोनकर, त्रिभुवन सोनकर,दीपक साहू, केशव पाठक, चंदसोनकर, सोमनाथ सोनकर गजानन निषाद, केशव, निषाद, ओमप्रकाश साहू, भुवनेश्वर यादव सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।