फर्जी कॉल सेंटर का भंडाभोड़, 8 महिलाएं गिरफ्तार, पंद्रह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और 13 नोटबुक जब्त

नई दिल्ली :-  दिल्ली के बिंदापुर इलाके में पुलिस ने चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। पुलिस ने यहां बतौर टेली कॉलर काम करने वाली आठ महिलाओं को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर चलाने वाला मुख्य आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। शुरूआती जांच में पता चला है कि कॉल सेंटर से कम ब्याज पर लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था। पुलिस मौके से पंद्रह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और 13 नोटबुक जब्त कर मामले की छानबीन करने में जुटी है।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बिंदापुर थाने में तैनात एसआई धर्मवीर अन्य पुलिसकर्मियों के साथ बुधवार शाम इलाके में गश्त कर रहा था। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि सेवक पार्क स्थित एक मकान में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। एसआई धर्मवीर ने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देकर पुलिस टीम के साथ उक्त मकान पर दबिश दी। पहली मंजिल पर कॉल सेंटर चल रहा था। जिसमें आठ महिलाएं मोबाइल और नोटबुक पर काम कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि दीपक नाम का व्यक्ति कॉल सेंटर चलाता है और एक फाइनेंस कंपनी के नाम से कम ब्याज पर लोन देने का झांसा देकर ठगी को अंजाम देता है।
महिलाओं के नोटबुक पर दर्ज मोबाइल नंबरों से बातचीत करने पर पीड़ितों ने बताया कि उन्हें चार फीसदी ब्याज पर लोन देने की बात कही गई। इसके एवज में उनसे रजिस्ट्रेशन व अन्य मद में 25 सौ रुपये से लेकर 24 हजार रुपये ले लिए गए हैं। लेकिन न तो उन्हें लोन मिला और न ही रकम ही वापस किए गए। पुलिस ने कॉल सेंटर में काम करने वाली सभी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस कॉल सेंटर चलाने वाले दीपक की तलाश कर रही है।

ठगी का पांच फीसदी हिस्सा कर्मचारियों को देता था
महिलाओं ने पूछताछ में बताया कि वह जिन भी लोगों को ठगी के लिए कॉल करते थे। उनकी सारी जानकारी नोटबुक पर नोट करते थे। पीड़ितों से लिए गए पैसे, उसका मोबाइल नंबर और बातचीत का अंश नोटबुक में होते थे। जिन पीड़ितों से ठगी की जाती थी उससे मिली रकम से दीपक उन्हें पांच फीसदी रकम देता था। उन लोगों ने बताया कि वह चार फीसदी ब्याज पर लोन उपलब्ध करवाने की बात कहकर पीड़ितों को अपना शिकार बनाते थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दीपक की गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा। हालांकि पुलिस ने उसके बैंक खातों की जांच में जुट गई है ताकि पता लगाया जा सके कि उसने अब तक कितने रुपये की ठगी की है।