गढ़चिरौली: सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बार्डर से लगे गढ़चिरौली जिले में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। करीब 4 घंटे चली इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया है। उनके शव भी बरामद कर लिए गए हैं। अभी इस मामले में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है। पुलिस अफसरों की ओर से शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है।
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर C-60 फोर्स के जवान सर्चिंग पर निकले थे। बुधवार सुबह करीब 6.30 बजे जांबिया-गट्टा के जंगलों में घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। करीब 4 घंटे चली मुठभेड़ के दौरान दो नक्सली मारे गए। एक का नाम वीरेन्द्र नरोटी और दूसरे का अजय नरोटी बताया गया है। एक नक्सली छत्तीसगढ़ में बीजापुर के रहने वाला है। बताया जा रहा है कि जांबिया-गट्टा पुलिस चौकी से करीब 12 किमी दूर मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल का मुआयना करने पर दोनों का शव सुरक्षाबलों को मिला।
वहीं 26 अप्रैल को नक्सलियों ने भारत बंद के दौरान गढ़चिरौली में भी 6 ट्रैक्टर और एक टैंकर में आग लगा दी। यह वाहन सड़क निर्माण कार्य में पर्मिली मेदपल्ली इलाके में लगे हुए थे। आग के चलते सभी वाहन जलकर खाक हो गए। हालांकि कोई जन हानि की नहीं हुई। सूचना मिलने पर जवानों को इलाके में भेजा गया और सर्चिंग तेज कर दी गई। बताया जा रहा है कि देर रात नक्सलियों ने वारदात को अंजाम दिया था।
करीब 5 दिन पहले 23 अप्रैल की रात करीब 12.30 बजे नक्सलियों ने कांकेर जिले की सीमा से महज 14 किमी दूर महाराष्ट्र के जांबिया गट्टा थाना में हमला कर दिया। थाने के सामने बने मकानों की आड़ में करीब 100 से अधिक नक्सली हमला करने पहुंचे थे। नक्सलियों ने पहले 4 राउंड गोली चलाई। इसके बाद हाथों से बना राकेट लॉन्चर दागा। वह थाना परिसर के निर्माणाधीन भवन में गिरा। हालांकि विस्फोट नहीं हो सका। सारी रात गोलियां चलती रहीं।
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।