दुनिया में कोरोना फैलने से पहले वुहान लैब के शोधकर्ता हुए थे बीमार, चीन से ही निकला वायरस!
नई दिल्ली/ वाशिंगटन। कोरोना महामारी ने पिछले करीब डेढ़ साल से दुनिया भर में तबाही मचा रखी है। इस वायरस ने करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया और लाखों जिंदगियां निगल लीं। इस खतरनाक वायरस की शुरुआत को लेकर अभी भी विवाद है। दुनिया इस कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार मान रही है, जबकि चीन इससे पल्ला झाड़ता रहा है। इस बीच, एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि वुहान की जिस लैब में कोरोना वायरस की शुरुआत बताई जाती है, वहां के तीन कर्मचारी को तब अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जब दुनिया को कोरोना के बारे में पता नहीं था।
चीन ने मिटा दिए सबूत, डब्ल्यूएचओ के हाथ लगी निराशा
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम कोरोना वायरस के तथ्यों की जांच के लिए वुहान भी गई थी, लेकिन चीन ने कुछ क्षेत्रों में जांच नहीं करने दी या फिर सभी सबूत मिटा दिए। इस जांच में डब्ल्यूएचओ के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लग पाया, जिसके चलते यह पुष्टि नहीं हो पाई कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से फैला है। वहीं अब वॉल स्ट्रीट जनरल की खुफिया रिपोर्ट में वुहान लैब से ही कोरोना वायरस के फैलने को लेकर खुलासा किया गया है, जिसके बाद एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वुहान से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई?
अमेरिकी अखबार ने यह खुलासा ऐसे वक्त किया है, जब दुनियाभर में जारी कोरोना के कहर के बीच जिनेवा में आज से वल्र्ड हेल्थ असेंबली की अहम बैठक शुरू हो रही है। ये बैठक 1 जून तक चलेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सबसे बड़ी निर्णायक संस्था की यह बैठक कोविड संकट खत्म करने के उपायों और भविष्य में ऐसी किसी महामारी के रोकथाम उपायों पर चर्चा करेगी। इस बैठक में दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल, यूएन पर्यवेक्षक, सहयोगी सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।