किकिरदा घाट का ठेका पर बसंतपुर से निकाल रहे रेत, खनिज विभाग मौन…

जांजगीर चांपा(चिन्तक):- जिले में खनिज विभाग की सुस्त चाल ने अवैध रेत खनन माफियाओं को खुली छुट दे रखा है। रेत निकालने के लिए शासन ने किकिरदा रेत घाट को ठेका पर दिया है मगर रेत माफिया बसंतपुर के घाट से रेत उत्खनन कर रहा है। रेत माफिया यहां से अवैध तरीके से रेत निकाल कर शासन को प्रति दिन लाखों रूपए के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस अवैध कारोबार में खनिज विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। जबकि बसंतपुर के रेत घाट का ठेका अभी तक हुआ ही नहीं है। इसके बाद भी रेत ठेकेदार रोजाना बड़ी मात्रा में रेत का उत्खनन और परिवहन कर रहा है।
ग्राम पंचायत बसंतपुर से होकर गुजरी महानदी में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। महानदी के बसंतपुर घाट का ठेका अभी तक नहीं हुआ है इसके बाद भी रेत की अवैध उत्खनन किया जा रहा है। बताया जा रहा 500 से 1000 रुपये प्रति ट्रिप के हिसाब से ट्रैक्टर मालिकों से रेत माफिया वसूली कर रहे हैं। वहीं जो परिवहनकर्ता उनकी बातों को नहीं मानते हैं उन ट्रैक्टर मालिक को वाहन पकड़वाने की धमकी देकर खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई कराने की बात कही जाती है। क्षेत्र के रेत माफिया द्वारा रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन के दौरान तय की गई राशि देकर अवैध तरीके से क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। बसंतपुर घाट में महानदी से रेत माफिया द्वारा रेत निकाला जा रहा है । रेत निकालने के बाद बकायदा रायल्टी पर्ची भी दी जा रही है मगर वह पर्ची किकिरदा घाट की है।

ग्रामीणों को मंहगे दाम पर मिल रही रेत
बताया जा रहा है कि क्षेत्र के ग्रामीणों को महंगे दाम पर रेत बेची जा रही है जिसका सबसे ज्यादा असर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने वाले हितग्राहियों व गरीब तबके के लोगों को पड़ रहा है। महंगी दर पर रेत मिलने से मकान की लागत अधिक आ रही है। कोई भी निर्माण कार्य रेत के बिना संभव नहीं है। बिना रेत के किसी गरीब का घर बन नहीं सकता। अब यही रेत खनिज माफियाओं के कब्जे में हो जाने से ग्रामीण जो अपने क्षेत्र से गुजरने वाली नदी से भी रेत नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में घर बनाने के लिए उन्हें रेत माफियाओं से अधिक कीमत चुका कर रेत खरीदना पड़ रहा है।

चैन माउंटेन लगाकर की जा रही अवैध उत्खनन
बसंतपुर घाट में ठेकेदार द्वारा बिना ठेका लिए चैनमाउंटेन के सहारे महानदी से अवैध रेत उत्खनन कर महानदी का सीना छलनी किया जा रहा है। साथ ही  बसंतपुर से रेत का अवैध उत्खनन कर बलौदाबाजार जिले के ठेकेदारों को सप्लाई किया जा रहा है।

शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
यह ग्रामीण अंचल बलौदाबाजार जिला की सीमा से लगा हुआ है। जिला का अंतिम क्षेत्र होने के कारण शिकायत के बावजूद यहां खनिज एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी रेत का अवैध उत्खनन करने वालों के विरुद्घ कोई कार्रवाई करने नहीं पहुंचते हैं जिससे यहां से निकाले जाने वाली रेत क्षेत्र के गांव के साथ ही दूसरे जिले की सीमावर्ती गांव में भी भेजी जा रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन के समक्ष ये सवाल उठाया कि आखिर कब खनिज विभाग की नींद खुलेगी और इन अवैध कारोबारियों पर नकेल कसी जाएगी। क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि किकिरदा घाट से रेत निकालने का ठेका हुआ है जो जैजैपुर ब्लाक में आता है पर रेत माफिया द्वारा किकिरदा घाट का रायल्टी दिखा कर बसंतपुर घाट से रोजाना सैकड़ों हाईवा रेत अवैध तरीके से निकाला जा रहा है।

सहायक खनिज अधिकारी को दी ग्रामीणों ने सूचना
ग्रामीणों ने बताया की कई बार सहायक खनिज अधिकारी को फोन के माध्यम से बसंतपुर घाट से ठेकेदार के द्वारा अवैध उत्खनन करने की जानकारी देते हुए शिकायत की थी। इसके बाद भी आज तक खनिज विभाग का एक भी कर्मचारी बसंतपुर घाट जांच करने नहीं पहुंचा है।

ठेकेदार की ऊंची पहुंच के आगे नतमस्तक विभाग
ग्रामींणो के अनुसार किकिरदा घाट के ठेकेदार की ऊंची पहुंच होने के कारण खनिज विभाग के आला अधिकारी ठेकेदार के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करने से घबरा रहे हैं। यही वजह है कि ठेकेदार अवैध उत्खनन जारी रखते हुए शासन को करोडों रूपए के राजस्व की हानि पहुंचा रहा है।

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