कमीशन दो काम लो, जिला पंचायत में चल रहा है गजब का खेल…

राशि कम ज्यादा के हिसाब में सदस्यों के साथ नही बैठ रहा गणित…

जांजगीर-चांपा (चिन्तक):- कोरोना काल के चलते विकास कार्यो की गति थम सी गई थी। चुंकि अब पूरा प्रदेश अनलॉक की स्थिति में है तो जायज है कि विकास कार्य भी समय पर हो, राज्य व केन्द्र सरकार ने बकायदा इसके लिए राशि भी भेज दी है, ऐसे समय में  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विकास कार्यो में गति लाने की बात कहीं है। यहां तक की बात आम जनता समझ गयी है कि अब उनके क्षेत्र में विकास की ईट रखी जायेगी। किंतु जिला पंचायत में विकास कार्य प्रारंभ होने के पूर्व ही सदस्यों का मन खट्टा होते नजर आ रहा है। अभी हाल ही में हुए मिटिंग में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि सभी जिला पंचायत क्षत्रों में (25 सदस्य है) विकास कार्य हेतु सामान राशि की स्वीकृती की जायेगी, जिसके लिए प्रपोजल भी लगभग बन कर तैयार हो गये है। अब दिक्कत आ रही है बराबर बटवारे  की, क्योंकि विकास कार्यो की स्वीकृति इस जिले में करोड़ों में है तो स्वाभाविक है अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की पद पर आसीन होने के बाद उम्मींदे तो बढ़ ही जाती है। इस संबंध में हमने कई सक्रिय सदस्यों से बातें की, जो बाते छन कर सामने आयी है वह चौकाने वाली है क्योंकि पूरा खेल कमीशन पर टीका है। सूत्रों के अनुसार सभी सदस्यों से उनके हिस्से के काम का 15 प्रतिशत देंगे इस पर हामी तो भरी गयी किंतु कुछ जिला पंचायत के दबंग सदस्य ने सीधे शब्दों में यह कह दिया कि केन्द्र और राज्य की राशि में किसी को ज्यादा राशि  नही दिया जायेगा चाहे वह अध्यक्ष हो या उपाध्यक्ष हो सभी सदस्यों को बराबर की राशि मिलनी चाहिए विकास कार्यों के लिए।
 कुछ सदस्यों ने तो 15 टका देना भी स्वीकार किया है, बात यहां समाप्त हो भी जाती किंतु अध्यक्ष और उपाध्यक्ष इससे संतुष्ट नजर नही आ रहें है उनकी डिमांड 25 टका में अटकी है जिससे अब बाकी सदस्यों में विद्रोह की स्थिति बनते जा रही है, अब देखना यह है कि इस पूरे मामले का पटाक्षेप किस आधार पर होगा।
जिला पंचायत सदस्यों के बीच एक और बात सामने आयी है कि उनके क्षेत्र में साहब काम करायेंगे और उनकों भी इस कार्य के लिए एक फिक्स राशि 200000 लाख भेंट के रूप देने की बात कही जा रही है।

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