निगम द्वारा तैयार किये जा रहे वर्मी कंपोष्ट की सराहना

भिलाईनगर/ गोधन न्याय योजना को और बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करने तथा सुपर कंपोष्ट बनाए जाने की विधि का संयुक्त संचालक ने निरीक्षण किया. गोबर खरीदी केन्द्रों में बन रहे वर्मी कंपोष्ट के साथ सुपर कंपोष्ट भी बनाया जाएगा. प्रारंभिक तौर पर निर्माण किए गए सुपर कंपोष्ट की सराहना करते हुए अन्य केन्द्रों में निर्माण करने के निर्देश नगरीय प्रशासन क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त संचालक एस.के. दुबे ने दिए. उन्होंने महिला स्व. सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा कर केन्द्रों में वर्मी खाद निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए खाद उत्पादन को बढ़ाने के निर्देश दिए.ट्रेचिंग ग्राउण्ड, बैकुंठधाम और खुर्सीपार स्थित गोबर खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया. निरीक्षण में उन्होंने गोबर की आवक को देखते हुए कंपोस्ट पिट में वर्मी डालकर प्रक्रिया में तेजी लाने कहा गया.
केंचुआ की देख रेख, वर्मी कंपोस्ट हेतु ग्रीन बेड के लिए स्थल की व्यवस्था को बेहतर बनाने कहा. गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने सहित गोपालकों से खरीदे गए गोबर का समुचित उपयोग, रोस्टर सिस्टम से अच्छे गुणवत्ता का वर्मी कंपोस्ट, स्लरी को एकत्र कर उचित उपयोग, केचुआ पालन को बढ़ावा देने सहित अन्य के निर्देश दिए.
भिलाई निगम के उपायुक्त अशोक द्विवेदी ने बताया कि संयुक्त संचालक महोदय ने गोबर खरीदी केन्द्रों में स्व. सहायता समूह की महिलाओ से वर्मी कम्पोष्ट बनाने की विधि का फीडबैक भी लिया और खुले में रखे गोबर का सुपर कंपोष्ट बनाने के निर्देश दिए. शहरी गोठान और खुर्सीपार के गोबर खरीदी केन्द्र में कंपोष्ट पीट में गोबर डालने के बाद शेष रह गए गोबर से सुपर कंपोष्ट तैयार किया गया है, जिसकी अच्छी गुणवत्ता को देखकर संयुक्त संचालक ने सराहना किए और शीघ्र ही नमूने का लैब टेस्ट कराकर निगम के अन्य गोबर खरीदी केन्द्रों में इसे शुरू कराने कहा है. निरीक्षण के दौरान जोन 2 आयुक्त पूजा पिल्ले, पीआईयू के हरिश ठाकुर, अभिनव ठोकने और शुभम पाटनी उपस्थित थे.
गौरतलब है कि शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का बेहत क्रियान्वयन भिलाई निगम द्वारा किया जा रहा है। कलेक्टर डाॅ. भुरे एवं निगम आयुक्त श्री रघुवंशी के निर्देशन में बेहतरीन कार्य करते हुए 338.7 क्विंटल की मात्रा में अच्छी क्वालिटी का वर्मी कम्पोष्ट तैयार किये और विक्रय भी किया जा चुका है। महिला स्व. सहायता की महिलाओं ने बहुत कम लागत में वर्मी खाद तैयार कर 149115 शुद्ध मुनाफा भी अर्जित कर चुके है। महिलाओं ने गोबर से अन्य उत्पाद तैयार करने नवाचार को अपनाया नतीजन कंडे बनाकर विक्रय करने से भी काफी राजस्व मिला। इसके अलावा दिया, मूर्ति, गमला, प्रतिमा इत्यादि तैयार किये इनके विक्रय से भी काफी आय की प्राप्त हुई है। गोधन न्याय योजना के सफलतम क्रियान्वयन के लिये निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने लगातार गोधन केन्द्रों का निरीक्षण कर महिलाओं को प्रोत्साहित किया है, जिनके परिणाम स्वरूप महिलाये आत्मनिर्भर बन रही है।