खुलासा: जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से गिराया था डेढ़-डेढ़ किलो आरडीएक्स

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जम्मू (एजेंसी)। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले में लश्कर और दि रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का हाथ है। हमले में इस्तेमाल दोनों ड्रोन से डेढ़-डेढ़ किलो आरडीएक्स गिराया गया था। ड्रोन जीपीएस आधारित था और इसे हैंडलर मैनुअली ही संचालित कर रहे थे। यह भी जानकारी मिली है कि वायुसेना स्टेशन पर हुए आईईडी हमले में आरडीएक्स और नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। एक आईईडी कम नुकसान करने वाली और दूसरी अधिक नुकसान करने वाली थी।

एक आईईडी में अधिक विस्फोटक था, ताकि बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जाए। संभवत: एयरक्राफ्ट निशाने पर थे। दूसरी आईईडी से अधिक से अधिक जवानों को हताहत करने की साजिश थी, ताकि काफी छर्रे निकल कर जवानों को लगें। यह तमाम जानकारी मामले की जांच कर रही एनआईए को मिली एफएसएल की शुरुआती रिपोर्ट से पता चली है। हालांकि, अभी इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है।

एफएसएल की आई रिपोर्ट से एक बात साफ है कि अगर आरडीएक्स का इस्तेमाल धमाकों में हुआ तो यह पाकिस्तान से ही आया था क्योंकि भारत में आरडीएक्स नहीं मिलता। पाकिस्तान ने पुलवामा में कराए गए हमले में भी आरडीएक्स का इस्तेमाल किया था, जो पाकिस्तान से भेजा गया था। बाद में आरडीएक्स को आईईडी में लगाया गया। साथ ही कुछ अन्य विस्फोटक सामग्री भी शामिल की गई। वायुसेना स्टेशन पर हुए हमलों में भी पाकिस्तान ने पुलवामा जैसी साजिश ही रची है। इसमें विस्फोट करने के लिए आरडीएक्स समेत कई अन्य तरह की सामग्री इस्तेमाल की गई।

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