तीसरे डोज की मंजूरी की कोशिश में जुटी फाइजर-बायोएनटेक
नई दिल्ली :- कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और वायरस के बदलते स्वरूप को देखते हुए अमेरीकी वैक्सीन निर्माता कंपनी तीसरी खुराक देने की तैयारी कर रही है। अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर-बायोएनटेक तीसरे डोज की मंजूरी पाने की कोशिश में है। कंपनी का दावा है कि कोरोना को मात देने के लिए तीसरी डोज की जरूरत पड़ सकती है।
कंपनी ने गुरुवार को घोषणा की है कि वे अपनी कोविड-19 वैक्सीन के लिए रेग्युलेटरी अप्रूवल की मांग करेंगे। कंपनी अंतरिम ट्रायल के डेटा के मद्देनजर मंजूरी प्राप्त करने की कोशिश करेगी, जिसमें पता चला था कि पहले दो डोज की तुलना में तीसरा डोज एंटीबॉडी लेवल को पांच से दस गुना बढ़ा सकता है। दरअसल, इस तीसरे कोविड -19 खुराक से कोरोना के बीटा वैरिएंट के खिलाफ बेहतर सुरक्षा की उम्मीद की जा रही है। बीटा वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। यह वैरिएंट अबतक का सबसे शक्तिशाली है। यह डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा असरदार है।
डेल्टा वैरिएंट पर फाइजर वैक्सीन की दो डोज कारगर नहीं
दरअसल, कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से बचाव में फाइजर वैक्सीन कम प्रभावी है। एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि जिन्हें पहले कोरोना वायरस नहीं हुआ है और अगर वो कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होते हैं तो ऐसे लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बनाने में यह वैक्सीन ज्यादा कारगर नहीं है। ‘जरनल नेचर’ में प्रकाशित एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट पर फाइजर टीका का असर ज्यादा नहीं दिखा। रिपोर्ट के मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट के असर को रोकने में फाइजर 64 फीसदी तक प्रभावी है। इससे पहले कोरोना के अन्य वैरिएंट्स में यह वैक्सीन 94 फीसदी तक प्रभावी थी। ऐसे में फाइजर तीसरे डोज देने की अनुमति मांग रही है।