इनकम टैक्स की मेरठ में बड़ी कार्रवाई: 25 करोड़ की पुरानी करेंसी बरामदगी में बिल्डर पर 42 करोड़ का जुर्माना
मेरठ: मेरठ में 2017 में बरामद की गई 25 करोड़ की पुरानी करेंसी के मामले में इनकम टैक्स की ओर से बिल्डर संजीव मित्तल पर 42 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया गया है। परतापुर पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। प्रकरण में कुछ अन्य लोगों को भी जांच के दायरे में लिया गया है। उस समय चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बरामद की गई रकम आज भी परतापुर थाने के मालखाने में रखी हुई है।
दिल्ली रोड पर राजकमल एनक्लेव में बिल्डर और कारोबारी संजीव मित्तल के घर और ऑफिस पर मेरठ पुलिस ने 29 दिसंबर 2017 को छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस को 25 करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी मिली थी। सभी नोट एक हजार और 500 के थे। संजीव उस समय फरार हो गए थे, जबकि पुलिस ने एक दलाल समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए तीन आरोपी संजीव मित्तल के कर्मचारी थे। इस मामले में परतापुर थाने में पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। रकम को सील कर परतापुर थाने में रखा गया था। इस मामले में बाद में सुप्रीम कोर्ट से संजीव मित्तल को स्टे मिला था। बाद में पुलिस ने चार्जशीट लगा दी थी। संजीव मित्तल की ओर से हाईकोर्ट में चार्जशीट क्वैश करने के लिए अर्जी दी गई थी, जो मंजूर हो गई थी। अभी इस पर फैसला नहीं आया है।
दूसरी ओर इस मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और इनकम टैक्स की ओर से जांच की जा रही है। इनकम टैक्स की ओर से नोटिस देकर जांच के लिए संजीव मित्तल को कई बार बुलाया गया। जांच के दौरान संजीव मित्तल की कई कंपनियों और बाकी प्रॉपर्टी की कीमत करोड़ों में आंकी गई। इसके बाद संजीव मित्तल पर इनकम टैक्स की ओर से 42.19 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। मामले में नोटिस दिया गया है। ईडी की तरफ से अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब संजीव मित्तल की ओर से अपील की तैयारी की जा रही है।
संजीव मित्तल ने इनकम टैक्स के 42 करोड़ से ज्यादा के जुर्माने के नोटिस को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नोटिस मिल गया है। नोटिस को लेकर कानपुर में इनकम टैक्स अधिकारियों के सामने अपील करेंगे। अभी जो भी कार्रवाई हुई है, इस संबंध में विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं।
ये आरोपी हुए थे गिरफ्तार
1. नरेश अग्रवाल निवासी राजनगर पालम दिल्ली (दलाल)
2. अरुण कुमार निवासी ब्रज विहार कॉलोनी परतापुर (संजीव का नौकर)
3. योगेंद्र कुमार निवासी गांव पांचली, जानी (संजीव का ड्राइवर)
4. विनोद कुमार निवासी ब्रह्मपुरी (संजीव मित्तल का कर्मचारी)
पुलिस ने किया था खुलासा, दिल्ली और नेपाल जानी थी रकम
25 करोड़ की पुरानी करेंसी की बरामदगी के बाद पुलिस ने खुलासा किया था कि इस रकम को दिल्ली और नेपाल भेजा जाना था। नेपाल में एक एनजीओ संचालक के माध्यम से रकम नए नोटों में बदली जानी थी। नेपाल में उस समय भी भारत की पुरानी करेंसी का चलन था, इसलिए रकम वहां बदली जानी थी। पुलिस एनजीओ संचालक को आज तक पकड़ नहीं पाई है। भारत सरकार ने 8 नवंबर 2016 को एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए थे। नोटबंदी लागू कर दी गई और पुराने नोटों को बदलने के लिए 31 मार्च 2017 तक का समय दिया गया था। आदेश दिया गया कि इसके बाद पुरानी करेंसी किसी के पास बरामद हुई तो स्पेसीफाइड बैंक नोट्स के तहत कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके संजीव मित्तल के आवास और ऑफिस से 25 करोड़ की पुरानी करेंसी बरामद हुई। परतापुर थाने में पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 3/2018 दर्ज किया था। इस मुकदमे में संजीव मित्तल, दलाल नरेश अग्रवाल समेत संजीव मित्तल के तीन कर्मियों अरुण, यागेंद्र व विनोद समेत दिल्ली के कड़कड़डूमा निवासी एनजीओ संचालक प्रवीण माहेश्वरी को भी आरोपी बनाया था। नरेश, विनोद, अरुण और योगेंद्र को गिरफ्तार किया था, जबकि संजीव ने बाद में गिरफ्तारी स्टे कराया था। आज तक प्रवीण का पता पुलिस नहीं लगा पाई। उस समय पुलिस की ओर से खुलासा किया गया था कि रकम को पहले दिल्ली ले जाया जाना था। यहां पर कुछ रकम को कड़कड़डूमा में प्रवीण माहेश्वरी अपने एनजीओ के माध्यम से बदलवाता। दूसरी ओर कुछ रकम को नेपाल भेजा जाना था। बताया गया था कि नेपाल में उस समय भी भारत की पुरानी करेंसी चलन में थी, जबकि सरकार ने एक हजार और 500 के नोट को चलन से बाहर करते हुए आदेश जारी कर दिया था। ऐसे में आज तक पुलिस न तो प्रवीण का पता लगा पाई और न ही नेपाल का लिंक तलाशा गया।