चेतावनी: मधुमेह मरीजों का सबसे बड़ा दुश्मन है कोरोना वायरस, अमेरिका में 2.40 लाख रोगियों की मौत
नई दिल्ली(एजेंसी)। कोरोना मधुमेह पीड़ित मरीजों का सबसे बड़ा दुश्मन है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने बताया, अमेरिका में कोरोना से कुल मौतों में से 40 फीसदी मौतें मधुमेह रोगियों की हुई हैं। संगठन के अनुसार, अमेरिका में अब तक कुल छह लाख आठ हजार लोगों की मौत हुई है। इसमें से 2.40 लाख लोग मधुमेह से ग्रसित थे जिन्होंने संक्रमण के कारण जान गंवा दी। एसोसिएशन ने चेताया, इससे पता चलता है कि वायरस मधुमेह से पीड़ित मरीजों के लिए कितना जानलेवा है। अमेरिका की 10 फीसदी आबादी को मधुमेह है, यही वजह है कि यहां संक्रमण के कारण मौतों की दर बहुत अधिक है।
एडीए के चीफ साइंटिफिक और मेडिकल अफसर डॉ. रॉबर्ट गाबे का कहना है कि कुल मौतों में से मधुमेह ग्रसित 40 फीसदी मरीजों की मौत का मसला गंभीर है। महामारी का दौर लगातार जारी है। ऐसे में अमेरिका ही नहीं दुनिया के सभी देशों में रहने वाले मधुमेह पीड़ित मरीजों की जान वायरस के कारण मुश्किल में पड़ सकती है।
जान का खतरा बारह गुना अधिक
मधुमेह से संक्रमित हैं और टीके की दोनों खुराक लगवा चुके हैं तो भी आप खुद को सुरक्षित नहीं मान सकते हैं। टीका लगवा चुके लोगों में भी संक्रमण की चपेट में आना जान जोखिम में डालने के बराबर है। उन्होंने कहा कि मधुमेह के साथ कोरोना की चपेट में आने का मतलब अस्पताल में भर्ती होने और मौत का खतरा छह से बारह गुना अधिक हो जाता है।
मधुमेह नियंत्रित रखना सबके बस की बात नहीं
डॉ. राबर्ट बताते हैं कि मधुमेह रोगी को कोरोना होने पर उसके स्वास्थ्य को अधिक नुकसान होता है। अमेरिका जहां इलाज की बेहतर व्यवस्था और संपन्न देश है, लेकिन यहां भी मधुमेह को नियंत्रित रखना सबके बस की बात नहीं है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की डोज लगती है, लेकिन हाल के दिनों में इंसुलिन की कीमतें जिस तेजी से बढ़ी हैं, इसकी उपलब्धता सबसे बस की बात नहीं है।
भारत में भी आठ करोड़ मरीज
भारत में मधुमेह मरीजों की संख्या आठ करोड़ से अधिक है। दुनिया के हर छह मरीजों में से एक भारत से है। एक अनुमान के अनुसार, 2045 तक मधुमेह मरीजों की संख्या 13.4 करोड़ हो जाएगी। विशेषज्ञों को चिंता है कि कोरोना के कारण शुरू हुआ लॉकडाउन मोटापा और मधुमेह को बढ़ाएगा।
मोटापा नई चुनौती बनकर सामने आएगा
डॉ. गाबे का कहना है कि मधुमेह और मोटापा दुनिया के सभी देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए नई चुनौती खड़ी करेगा। अमेरिका में 42 फीसदी आबादी मोटी है जबकि 73 फीसदी का वजन सामान्य से अधिक है।