यश ड्रीम कंपनी के 2 डायरेक्टर गिरफ्तार, लुभावनी स्कीम में झांसा देकर 2695 लोगों से 21.86 करोड़ ठगे, एक आरोपी अभी फरार
जानकारी के मुताबिक, साल 2015 में नगपुरा निवासी हेमंत साहू ने सुपेला थाने में इनामी चिटफंड कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई। बताया था कि प्रियदर्शनी नगर स्थित यश ग्रुप ऑफ कंपनी, यश ड्रीम रियल स्टेट कंपनी लिमिटेड ने रकम दोगुनी करने का झांसा देकर ठगी की है। इसमें कंपनी के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव, नितिन श्रीवास्तव, नीता श्रीवास्तव, रिभा श्रीवास्तव, दीपक सिगारे, सिन्धु सिंगारे और पूजा टंडन शामिल हैं। इसके बाद अन्य लोगों ने भी मामला दर्ज कराया।
खुद के बांड पेपर देकर 6417 खातों में जमा कराए रुपए
जांच में पता चला कि डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव पहले सहारा इंडिया कंपनी में काम कर चुका था। उसने अपने भाई नितिन श्रीवास्तव और दोनो भाइयो की पत्नी नीता व रिया के अलावा दीपक सिंगारे, सिन्धु सिंगारे और पूजा टंडन के साथ मिलकर जून 2008 में ग्वालियर में कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया। फिर भिलाई में ऑफिस खोल लिया। यहां वे लोगों को लुभावनी स्कीम का झांसा देते और खुद के बनाए बांड पेपर देकर निवेश कराते। इस तरह 2695 लोगों से 6417 खातों में 21.86 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा कराए।
फर्जी कंपनी बनाकर साला-साली के नाम की संपत्ति
जमा की गई रकम से आरोपियों ने धोखाधड़ी करते हुए जमीन और मकान में खुद के नाम से निवेश किया। जब लगा कि पकड़े जा सकते हैं तो एक फर्जी कंपनी बनाकर कुछ संपत्ति उसमें ट्रांसफर कर दी। कंपनी का ज्यादा हिस्सा ‘मां शारदा डेवलपर्स’ नाम की फर्म में की और उसका डायरेक्टर अपने साले अनुराग श्रीवास्तव और साली अमृता श्रीवास्तव व राहुल दुबे को बना दिया। मामला दर्ज होते ही सभी आरोपी छत्तीसगढ़ छोड़कर भाग निकले।
संपत्ति हड़पने के लिए फिर बनाई फर्जी फर्म, रिश्तेदारों के नाम की
इसके बाद भी आरोपियों ने अर्जित संपत्ति को हडपने के लिए अपने ही कंपनी के छोटे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियो के नाम से एक फर्म महाकालेश्वर बनाई। मामले मे कंपनी के पास कुल संपत्ति का आंकलन किया गया जो करीब 26.713 एकड जमीन, बैंक मे 6 लाख रुपए, मकान और कार की संपत्ति यश ड्रीम रियल स्टेट कंपनी लिमिटेड में और उसके डायरेक्टरों के नाम पर मिले। इसके अलावा यश ड्रीम रियल स्टेट कंपनी की संपत्ति में से अपने रिश्तेदार, साले अनुराग श्रीवास्तव, साली अमृता श्रीवास्तव के नाम पर 17.099 एकड़ जमीन फर्जी दस्तावेजों से ट्रांसफर की।