सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री, शासन ने पेश नहीं किया जवाब

बिलासपुर। कोरबा के दादरखुर्द में शासकीय जमीन की अवैध खरीद-बिक्री करने के खिलाफ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की ई है। इस मामले में राजस्व विभाग ने न तो कमेटी बनाई है और न ही कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया है। अब इस मामले की सुनवाई अक्टूबर में होगी। कोरबा निवासी राजेश कुमार पांडेय ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि कोरबा के दादरखुर्द में शासकीय जमीन पर कब्जा करने व खरीद-बिक्री का अवैध धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है।

यहां कई बिल्डरों ने जमीन पर कब्जा कर लिया है और निर्माण कार्य भी करा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने इस मामले की शिकायत तहसीलदार व एसडीएम के साथ ही कलेक्टर से भी की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते उन्हें हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी। याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी राज्य सरकारों को दिए गए आदेश व शासकीय भूमि को सहेजने के आदेश का हवाला भी दिया गया है। लेकिन यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। जनवरी 2020 में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शासन व कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

इस दौरान कलेक्टर ने अवैध निर्माण पर रोक लगाने के संबंध में जानकारी दी थी। प्रकरण की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने भी अवैध निर्माण करने पर रोक लगाई थी। फिर बाद में हाई कोर्ट ने तहसीलदार, आरआइ व पटवारी की टीम बनाकर शासकीय भूमि का सीमांकन कराने व कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक न तो कमेटी बनी है और न ही जमीन का सीमांकन कराया गया है। इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई अक्टूबर तक बढ़ा दी है।