ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर पहली बार खुलकर बोले सिंहदेव… कहा- यह पार्टी के अंदर की बात थी, लेकिन बाहर भी चर्चा में आ गई, हाईकमान जल्द फैसला लेंगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर पहली बार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पार्टी के अंदर की बात थी, लेकिन यह चर्चा में आ गया। इस मुद्दे पर हाईकमान ने सभी पक्षकारों से बात की है। जल्द इस पर कोई फैसला आएगा। सिंहदेव ने रविवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से ये बात कही।

सिंहदेव ने कहा, ‘ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बाली बात मीडिया की वजह से ज्यादा चर्चा में आई। इसके बाद लोगों में भी इसकी चर्चा होने लगी। विधायक भी दिल्ली में अपनी राय रखकर आए। स्थायी निर्णय निकट भविष्य में सामने आ जाएगा।’ 50 से ज्यादा विधायकों के दिल्ली पहुंचने के सवाल पर सिंहदेव ने कहा, दिल्ली पहुंचे 80-90 प्रतिशत विधायकों ने कहा कि जो हाइकमान का फैसला होगा स्वीकार होगा। मेरी भी राय यही है कि जो हाइकमान तय करेगा।

इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव ने कभी भी खुल कर बात नहीं की। यह पहला मौका है, जब सिंहदेव ढाई-ढाई के फॉर्मूले पर खुल कर बोले हैं। राहुल गांधी से दो दौर की चर्चा के बाद भी मुख्यमंत्री यही कहते रहे कि विकास योजनाओं पर चर्चा हुई है।

कल रायपुर लौटे थे सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कल रात 8 बजे दिल्ली से रायपुर लौटे। एयरपोर्ट पर प्रेस से चर्चा में उन्होंने कहा था, हाईकमान से यहां के मुद्दों पर खुलकर बात हुई है। पूरे मन से हाईकमान से चर्चा करके उनकी राय और मंशा जानी। पूरी बात हाईकमान से हो चुकी है। अंतिम निर्णय हाईकमान के पास सुरक्षित है। सिंहदेव ने कहा, कुछ बातें रहती हैं, जिनके लिए समय लगता है। हाईकमान ने बातों का संज्ञान लिया है, जल्द ही कुछ निर्णय होगा। मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर पूछे गए प्रश्न पर सिंहदेव ने कहा, अगर कोई चीज स्थायी है तो वह परिवर्तन है।

डेढ़ सप्ताह से दिल्ली में थे सिंहदेव
टीएस सिंहदेव पिछले डेढ़ सप्ताह से दिल्ली में हैं। 24 अगस्त को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी वे वहीं जमे हुए थे। उनको संकेत मिले थे कि सोनिया गांधी के साथ बैठक का बुलावा कभी भी आ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिंहदेव ने बताया, 25 अगस्त को वे लौट रहे थे, लेकिन पीएल पुनिया के कहने पर रुक गए। उस दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर लौटे और उनके समर्थकों ने एयरपोर्ट पर शक्ति प्रदर्शन किया। इसके बाद अचानक कांग्रेस का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया। आनन-फानन में विधायकों को रायपुर बुलाया गया। गुरुवार को विधायकों को दिल्ली रवाना किया गया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद दिल्ली पहुंच गए।

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