कोर्ट का फैसला: पुलिस ने चालान में नहीं लिखी नशीली दवाओं की मात्रा कोर्ट ने कराया वजन, आरोपियों को 12 साल की कैद

high court

रायपुर/ दुर्ग। एनडीपीएस एक्ट के 3 साल पुराने मामले में बुधवार को विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने आरोपी मेडिकल स्टोर संचालक अजय कुमार चौहान को 12 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। आरोपी पर 1 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 1 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

फैसला विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा की कोर्ट से आया। रायपुर जेल में निरुद्ध आरोपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई गई। जिले में ऑनलाइन सजा का यह पहला मामला है। इससे पहले कोर्ट ने एक अन्य में ऑनलाइन सुनवाई के बाद आरोपी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था। इस मामले में खास बात यह रही कि प्रतिबंधित दवाओं का वजन कोर्ट में हुआ। दवा की मात्रा कमर्शियल स्टोर के करीब होने पर एनडीपीएस की धारा 22 जोड़ी गई। कोर्ट ने जब्त नशीली दवाओं को नियमानुसार नष्ट करने का भी आदेश दिया।

नशीली दवाओं से जुड़ा है यह पूरा मामला

वर्ष 2018 का है मामला, तितुरडीह से जब्त हुई थी दवा
विशेष लोक अभियोजक विजय कसार ने बताया कि मामला वर्ष 2018 का है। मोहन नगर पुलिस को सूचना पर तितुरडीह निवासी मेडिकल स्टोर संचालक अजय मेडिकल स्टोर दबिश दी। जांच में आरोपी के घर और मेडिकल स्टोर से 1158 नग प्रतिबंधित नशीली टेबलेट और 75 नग सीरप जब्त किया गया। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। पुलिस ने 21 जनवरी 2018 को आरोपी को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

कोर्ट ने कराया जब्त नशीली व प्रतिबंधित दवाओं का वजन
प्रकरण के कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रतिबंधित दवाओं का वजन कराया। पुलिस की जांच में कई खामियां सामने आई। पुलिस ने अपने अभियोग पत्र में जब्त दवाओं का वजन नहीं कराया। प्रतिबंधित दवाओं का सही वजन का उल्लेख नहीं किया था। इस वजह से कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब्त दवाओं का वजन हुआ। इससे पता चला कि आरोपी से जब्त दवाओं का सही वजन 7.50 ग्राम है। मात्रा कमर्शियल क्वांटिटी होने की वजह से कोर्ट ने एनडीपीएस की धारा 22 भी जोड़ा गया। इसके बाद फैसला आया।

रायपुर से ऑनलाइन जुड़े
आरोपी वर्तमान में रायपुर जेल में निरुद्ध है। उसके खिलाफ रायपुर और दुर्ग में पहले से अपराध दर्ज हैं। उन्हें रायपुर केंद्रीय जेल से कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। सुनवाई के बाद अन्य सारी प्रक्रिया रायपुर जेल से ही पूरी की गई।

रीसेंट पोस्ट्स