वायुसेना दिवस पर लड़ाकू विमानों ने आसमान में दिखाया भारत का दम

नई दिल्ली। भारत के लिए 8 अक्टूबर का दिन बेहद अहम है। इस दिन भारतीय वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इस साल भारतीय वायुसेना का 89वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर भारतीय वायुसेना 1971 के युद्ध में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की विजयगाथा को दर्शाएगी। इस साल भारत पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे होने पर भारतीय वायुसेना इस बार विजय वर्ष के तौर पर मना रही है। वायु सेना ने अनेकों बार अपने पराक्रम से भारत को गौरवान्वित किया है। आज दिल्ली-एनसीआर के आसमान में भारत की शक्ति दिखेगी, जिसका आगाज हो चुका है। आज इस वायुसेना दिवस कार्यक्रम में राफेल से लेकर तेजस, जगुआर, मिग-29 और मिराज 2000 लड़ाकू विमान अपनी ताकत के साथ अपना करतब दिखाते नजर आएंगे।

तो चलिए जानते हैं वायुसेना दिवस समारोह से जुड़े सभी अपडेट्स:

-भारतीय वायुसेना के जांबाज आसमान में दिखा रहे हैं करतब।

-हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में भारतीय वायुसेना के 89वां स्थापना दिवस कार्यक्रम में पावर हैंड ग्लाइडिंग दल के तीन सदस्यों ने एयरबेस के ऊपर से 150 फुट की ऊंचाई से उड़ान भरी। इसके बाद पैरा मोटर दल ने एयरबेस के ऊपर 200 फुट की ऊंचाई से उड़ान भरी।

-एयरफोर्स दिवस पर इस बार दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा लगाया गया है। कार्यक्रम की थीम आत्मनिर्भर एवं सक्षम है। भारतीय वायुसेना के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान सुखोई, राफेल, मिराज, जगुआर और मिग-21 बाइसन को डिस्प्ले में लगाया गया है। इनके अलावा चिनूक और अपाचे हेलीकाप्टर भी लगाए गए हैं।

-वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने हिंडन एयरबेस पर 89वें स्थापना दिवस पर वायुसेना दिवस परेड का निरीक्षण किया।

-गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत मौजूद हैं।

– वायुसेना स्टेशन हिंडन गाजियाबाद में वायुसेना की 89वीं वर्षगांठ पर वायुसेना दिवस परेड शुरू हुई।

– वायुसेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना को बधाई दी और ट्वीट किया, ‘वायु सेना दिवस पर हमारे वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई। भारतीय वायु सेना साहस, परिश्रम और व्यावसायिकता का पर्याय है। उन्होंने चुनौतियों के दौरान देश की रक्षा करने और अपनी मानवीय भावना के माध्यम से खुद को प्रतिष्ठित किया है।’

– रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी वायुसेना दिवस पर ट्वीट कर कहा, ‘इस अदम्य बल की 89वीं वर्षगांठ पर सभी इंडियन एयर फोर्स कर्मियों, उनके परिवारों को बधाई। हमें चुनौतियों का पूरी तत्परता के साथ सामना करनेऔर राष्ट्र की सेवा में दृढ़ रहने के लिए अपने वायुसैनिकों पर गर्व है।’

क्या है वायुसेना दिवस का इतिहास: 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर वायुसेना दिवस मनाया जाता है। देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था।  आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था।

1 अप्रैल, 1933 को बना पहला दस्ता: 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था।

भारतीय वायुसेना का आर्दश वाक्य- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’: भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ है। इसे गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।

वायुसेना ध्वज: वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात्‌ केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।