OPD सेवाओं के बहिष्कार के साथ 27 नवंबर को शुरू हुई रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल हुई स्थगित
रायपुर। OPD सेवाओं के बहिष्कार के साथ 27 नवंबर को शुरू हुई रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल स्थगित हो गई है। सरकार से मांगों पर विचार का भरोसा मिलने के बाद डॉक्टरों ने बीती रात यह फैसला लिया। अब डॉक्टरों ने सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है। इस बीच उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 16 दिसंबर के बाद ये लोग फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। पं. जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया, NEET-PG काउंसलिंग को लेकर कई स्तर की बातचीत और आश्वासन मिलने के बाद हमने अपनी हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है। हमारी कई मांग अभी भी अधूरी हैं। उनमें MD-MS करने के बाद डॉक्टरों को करवाई जाने वाले 4 साल के अनिवार्य सेवाकाल को तुरंत प्रभाव से अन्य पड़ोसी राज्य की तरह 1 साल करने की बात मुख्य है।
इसके अलावा PG रेजिडेंट डॉक्टरों के मानदेय में जो मूलभूत वृद्धि नहीं की गई है उसे प्राथमिकता देकर तुरंत क्रियान्वित किया जाए। डॉ. गुप्ता का कहना था, कोरोना काल में PG डॉक्टरों की अधिकतर राज्यों में स्टाइपेंड वृद्धि और कोरोना इंसेंटिव दिया गया है, जिसके बाद छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में अब PG डॉक्टरों को मिल रहे स्टाइपेंड में पहले से भी ज्यादा अंतर हो गया है। प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों के मानदेय में पड़ोसी प्रदेशों के अनुकूल वृद्धि की जाए। हड़ताली डॉक्टरों ने समान पद पर काम कर रहे अनुबंधित और संविदा चिकित्सकों में वेतन विसंगति को दूर किया करने की मांग उठाई है।
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से कहा गया, इस हड़ताल को 1 हफ्ते यानी 16 दिसंबर तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। हमें उम्मीद है कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार हमारी इन गंभीर चिंताओं का संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द सकारात्मक कार्रवाई करेगी। जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज से संबंध डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल पर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का असर दिख रहा था। इन डॉक्टरों ने 27 नवम्बर से OPD सेवाओं का बहिष्कार कर दिया। 6 दिसंबर को इन लोगों ने आपातकाल सहित सभी सेवाओं में काम छोड़ दिया। इसकी वजह से अस्पताल प्रबंधन और मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।