डंके की चोट पर प्रशासन की नाक के नीचे अवैध प्लाटिंग, बगैर लेआउट एप्रुव के बिक रहा है प्लाट
मनोज राजूपत लेआउट प्रा.लि. पर शासन व प्रशासन मेहरबान
दुर्ग (चिन्तक)। टोलप्लाजा के पास बाईपास रोड में मनोज राजपूत लेआउट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डंके की चोट पर प्रशासन के नाक के नीचे 125 से 130 एकड़ क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग की जा रही है। अवैध प्लाटिंग का यह कारोबार इतना व्यापक है कि इससे राज्य शासन को राजस्व के रूप में करोड़ों का नुकसान हो रहा है और अवैध प्लाटिंग का कर्ताधर्ता शासन व प्रशासन के नियम कानून की सरे आम धज्जियां उड़ा रहा है। आश्चर्य व हैरत की बात है कि इस मामले में कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हो रही है।
उक्ताशय के संदर्भ में मिली शिकायत में कहा गया है कि टोलप्लाजा के पास बाइपास रोड में लगभग 125 से 130 एकड़ क्षेत्र में महानगर की तर्ज पर एक आवासीय कॉलोनी विकसित की जा रही है। लेकिन यह कॉलोनी प्रशासन के रिकार्ड में अधिकृत नहीं है। मनोज राजपूत लेआउट प्राइवेट लिमिटेड ने 125 से 130 एकड़ के पूरे क्षेत्र को बाउंड्रीवाल से घेर कर भीतर आलीशान सड़कों का जाल बिछा दिया है। विद्युत पोल लगाकर लाइटें लगा दी है और प्लाट को कटिंग करके इस तरह रखा है जैसे तश्तरी में सजाकर रखा गया स्वादिष्ट व जायकेदार व्यंजन हो। आम लोग इस लुभावने माहौल का शिकार बनकर प्लाट तो खरीद रहे है लेकिन इसके बाद भविष्य में होने वाली परेशानियों व तकलीफों से वाकिफ नहीं है।
नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से नहीं ली गई है अनुमति
शिकायत में उल्लेख है कि मनोज लेआउट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 125 से 130 एकड़ के क्षेत्र में प्लाटिंग के लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग (टाउन प्लानिंग) से कोई अनुमति नहीं ली गई है। न ही इसका कोई डायवर्सन हुआ है। परिणाम स्वरूप सीधे तौर पर जनता से धोखाधड़ी की जा रही है।
नगर निगम से अनुमति लिए बगैर बन रहे है मकान
शिकायत में कहा गया है कि मनोज लेआउट प्राइवेट लिमिटेड के परिसर के भीतर लगभग एक दर्जन मकानों का निर्माण भी कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त कंपनी के संचालक मनोज राजपूत ने अपने घर व आॅफिस का भी निर्माण कर लिया है लेकिन इन सब निर्माण कार्यों की नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई है। नगर निगम द्वारा भी इस मामले में किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करना समझ से परे है।
नहीं लिया कॉलोनाइजर लाइसेंस, रेरा में भी नहीं कराया रजिस्ट्रेशन
शिकायत में आगे बताया गया है कि मनोज लेआउट प्राइवेट लिमिटेड ने कॉलोनी का निर्माण तो बराबर शुरू कर दिया है लेकिन नगर निगम से विधिवत तरीके से कॉलोनाइजर लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है। यही नहीं अभी तक रेरा में रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया है। शासन व प्रशासन को धता बताकर नियम व कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ाकर अवैध प्लाटिंग के साथ कॉलोनी निर्माण का मामला बेहद रोचक है। इस मामले में कई ऐसे तथ्यों के भी सामने आने की संभावना है जो एक सुनियोजित धोखाधड़ी कर शासन को क्षति पहुंचाने का काम कर रहे है।