पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक: पंजाब सरकार की एफआईआर में मोदी का नाम तक नहीं, जो धारा लगाई-उसका जुर्माना मात्र 200 रुपये
चंडीगढ़। पंजाब के फिरोजपुर में पांच जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में थाना कुलगढ़ी पुलिस ने डेढ़ सौ अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया है। यह मामला आईपीसी की धारा 283 के तहत दर्ज की गई है। अब इस एफआईआर पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
एफआईआर में पीएम का नाम तक नहीं
दरअसल इस एफआईआर में कहीं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जिक्र तक नहीं है। वहीं जो धारा इसमें लगाई गई है, उसमें मात्र दो सौ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसमें थाने से ही जमानत मिल जाती है, कोर्ट जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। अब पंजाब पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं।
छह जनवरी को दर्ज हुआ केस
पांच जनवरी को फिरोजपुर के गांव प्यारेआना में हाईवे जाम कर प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोका था। इसके बाद छह जनवरी को 7.40 बजे डेढ़ सौ अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों के नेताओं को नाम मालूम है। जरूरत पड़ने पर इन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। फिलहाल अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया है।
पीएम के जाने के बाद मौके पर पहुंचने का जिक्र
यह प्राथमिकी पुलिस अधिकारी बीरबल सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है। उन्होंने इसमें कहा है कि 5 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे फ्लाईओवर पर पहुंचे। जब वह वहां पहुंचे, उससे डेढ़ घंटे पहले ही पीएम फंसकर वापस बठिंडा हवाई अड्डे लौट गए थे। एफआईआर में दर्ज है कि निरीक्षक को सूचित किया गया कि अज्ञात लोग मोगा-फिरोजपुर मार्ग पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के कारण भाजपा की रैली वाला रास्ता बंद हो गया है, इनमें वीआईपी भी शामिल थे। कुलगरी थाने के एसएचओ बीरबल सिंह ने अपनी ड्यूटी पूरी की और पुलिस स्टेशन जाकर मामला दर्ज करवाया।
यूपी के पूर्व डीजीपी ने उठाए सवाल
इस बीच यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने इस मामले में कहा है कि पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब पुलिस और पंजाब का राजनीतिक नेतृत्व जिम्मेदार है। पीएम के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित नहीं करने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। अगर हम राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते तो हम किस पर भरोसा करें?: पीएम ।