बड़ी खबर: राजधानी रायपुर में 4 ओमिक्रॉन मरीज की पुष्टि, दो विदेश से लौटे थे, दो यहीं संक्रमित
रायपुर। कोरोना की यह तीसरी लहर नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से है। रायपुर के चार लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। उनमें से दो तो यूनाइटेड अरब अमीरात से लौटे थे लेकिन शेष दो को यह बीमारी यहीं लग गई। एपिडेमिक कंट्रोल विभाग के डायरेक्टर डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि जिन लोगों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच के लिए ओडिशा के भुवनेश्वर भेजे थे, उनमें चार की रिपोर्ट आई है। उनमें ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण पाया गया है। सभी रायपुर के हैं। इनमें से दो की ट्रैवल हिस्ट्री है, वे लोग यूएई-दुबई से वापस लौटे थे। यहां जांच हुई तो वे पॉजिटिव पाए गए। उसके बाद उनके नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। दूसरे दो लोगों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वे लोग यहीं ओमिक्रॉन संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।
डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा कि इसका मतलब है कि ओमिक्रॉन का संक्रमण सोसाइटी में फैल चुका है। स्वास्थ्य विभाग, विदेश से लौटकर पॉजिटिव पाए गए लोगों और किसी क्लस्टर में पॉजिटिव पाए गए सभी लोगों से लिए नमूनों को ओमिक्रॉन अथवा किसी दूसरे वैरिएंट की पहचान के लिए भुवनेश्वर लैब भेजता है। हर जिले से कोरोना पॉजिटिव पाए गए कुल लोगों में से 5% के नमूने भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे जाते हैं। ऐसी रेंडम जांच के लिए किया जाता है ताकि कुछ नमूनों की जांच से वायरस में बदलाव की पहचान की जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने 5 जनवरी को छत्तीसगढ़ के पहले ओमिक्रॉन केस की पुष्टि की थी। बताया गया कि बिलासपुर के 52 वर्षीय कारोबारी 2-3 दिसम्बर को यूएई से लौटे थे। आइसोलेशन की अवधि पूरा करने के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 17 दिसम्बर को उनका नमूना भुवनेश्वर भेजा गया। उसकी रिपोर्ट 5 जनवरी को आई तब तक वे ठीक हो चुके थे और उन्होंने अपनी दुकान पर बैठना शुरू कर दिया था।