वैचारिक मतभेद के चलते सपा से गठबंधन नहीं: सजंय राउत

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को शिवसेना का बड़ा बयान सामने आया है। पार्टी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ वैचारिक मतभेद के चलते यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार को साफ कर दिया कि वह उत्तर प्रदेश में बदलाव देखना चाहते हैं लेकिन वैचारिक मतभेद के चलते समाजवादी पार्टी गठबंधन नहीं कर सकते। शिवसेना उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।राउत ने गुरुवार को कहा, मैं पश्चिम यूपी में राकेश टिकैत से मिलूंगा। किसान आंदोलन में राकेश टिकैत को रोते हुए और जीतने के बाद हंसते हुए देखा है। मैं उनसे मिलकर बात करूंगा कि वह क्या चाहते हैं। हम यूपी में चुनाव लड़ेंगे तो हम बात करेंगे। हमें किसानो का आशीर्वाद चाहिए। इसी सिलसिले में संजय राउत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे हैं।

दरअसल संजय राउत गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इससे पहले संजय राउत ने ही बुधवार को कहा था कि शिवसेना उत्तरप्रदेश में 50 से 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव का लड़ेगी। इतना ही नहीं सांसद संजय राउत ने यूपी में योगी सरकार में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और बीजेपी के कुछ और विधायकों के इस्तीफे के बाद अपने बयान में दावा किया था कि यह तो बस शुरूआत है और उत्तर प्रदेश की राजनीति में और बहुत बदलाव होने वाले हैं। यह राज्य में कई मंत्री और बीजेपी विधायकों के पार्टी छोड़ने की शुरूआत है।

हालांकि संजय राउत के इस बयान के बाद बीजेपी के एक अन्य विधायक ने उत्तरप्रदेश में गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। सजंय राउत ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि शिकोहाबाद से बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा ने भी पार्टी छोड़ दी है। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद बुधवार को योगी सरकार के एक और मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी बीजेपी से त्यागपत्र दे दिया था।