‘महाभारत’ सीरियल के ‘भीम’ प्रवीण कुमार सोबती का 74 साल की उम्र में निधन

नई दिल्ली। लता मंगेशकर के निधन के बाद एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से एक और बुरी खबर सामने आ गई। महाभारत सीरियल में भीम का रोल करने वाले प्रवीण कुमार ने 74 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वो काफी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे, और आर्थिक तंगी से भी जूझ रहे थे। अपने कद-काठी और मजबूत शरीर के दम पर खिलाड़ी के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले प्रवीण कुमार महाभारत सीरियल के अलावा कई बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी दमदार एक्टिंग से फैंस को इंप्रेस कर चुके हैं। लेकिन महाभारत सीरियल में भीम का किरदार निभाकर वो घर-घर में फेंस हुए थे। उन्हें भीम के किरदार में लोगों ने काफी पसंद क्या था। उनके निधन की खबर से उनके फैंस काफी दुखी हो गए हैं।

बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रवीण कुमार ने अपने एक्टिंग करियर में अमिताभ बच्चन और जितेंद्र जैसे सुपरस्टार्स के साथ भी काम किया है। पंजाब के रहने वाले प्रवीण 6 फीट लंबे थे। एक्टिंग में आने से पहले प्रवीण स्पोर्ट्स में भी काफी एक्टिव थे। वे एक हैमर और डिस्कस थ्रो एथलीट थे। प्रवीण ने एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में कई मेडल्स भी जीते थे। हांगकांग में आयोजिक एशियाई खेल में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने ओलंपिक में दो बार देश का प्रतिनिधित्व भी किया था। उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

खेल की दुनिया में नाम कमाने के बाद प्रवीण को सीमा सुरक्षा बल यानी की BSF की नौकरी भी मिली थी लेकिन कुछ सालों बाद उन्होंने एक्टिंग करने का मन बनाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। महाभारत को करने के बाद उन्होंने लगभग 50 फिल्में और टीवी शो किए। 1981 में उनकी पहली फिल्म ‘रक्षा’ बनी। इसी साल दूसरी फिल्म ‘मेरी आवाज सुनो’ भी आई। इन दोनों ही फिल्मों में उनके साथ जितेन्द्र थे। वे अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘शहंशाह’ में भी वे काम कर चुके हैं। प्रवीण ने चाचा चौधरी सीरियल में साबू का रोल भी निभाया था।

उनकी आखिरी फिल्म 2013 में आई थी, जिसका नाम ‘महाभारत और बर्बरीक’ था। बाद में उन्होंने एक्टिंग को छोड़ दिया और फिर वजीरपुर में ‘आम आदमी पार्टी’ को ज्वॉइन करने के बाद राजनीति में शामिल हो गए थे। फिर बाद में वो भाजपा का हिस्सा बने। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई जगह हाथ आजमाए और उनमें सफलता भी हांसिल की। मगर अपने आखिरी वक्त में वो आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उन्होंने पेंशन को लेकर सरकार से अपनी नाराजगा भी जाहिर की थी।

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उनका कहना था कि पंजाब में जितनी भी सरकारें आईं, उन सब ने जितने भी एशियन गेम्स या मेडल जीतने वाले प्लेयर थे, उन सभी को पेंशन दिया, लेकिन उन्हें पेंशन नहीं दिया गया। वो ऐसे अकेले एथलीट थे, जिन्होंने कॉमनवेल्थ को रिप्रेजेंट किया था। फिर भी पेंशन के मामले में उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया। अपनी इस शिकायत को लेकर प्रवीण काफी चर्चा में भी रहे थे।

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