परेशानी: डीजे और लाउडस्पीकर की तेज आवाज ने किया लोगों का जीना हराम
पढऩे का मूड बिगाड़ रहा डीजे व लाउडस्पीकर
दुर्ग(चिन्तक)। इन दिनों लाउडस्पीकर के तेज आवाज से सभी वर्ग परेशान है। वार्षिक परीक्षा शुरू होने वाली है, ऐसे में यह और चिंता का विषय बन गया है। लोगों ने प्रशासन से परीक्षाएं खत्म होने तक शादी समारोह सहित अन्य आयोजनों के दौरान तेज आवाज में बजने वाले डीजे व लाउडस्पीकर पर प्रतिबंधन लगाने की मांग की है। लोग जानकारी के अभाव में परेशान रहते हैं, वहीं प्रशासन शिकायत नहीं होने की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। ज्ञात हौ कि सीजी बोर्ड की परीक्षाएं 2 मार्च से शुरू हो रही है। वहीं प्राथमिक कक्षाओं की परीक्षाएं इसी माह प्रारंभ होने जा रहा है।
कोरोना के कारण स्कूली में पढ़ाई प्रभावित हुई है। सभी स्कूल व कॉलेजों में वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली है। विद्यार्थी भी परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में शादी समारोह सहित अन्य आयोजनों में तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर व डीजे से छात्र-छात्राएं सहित पालकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्र-छात्राएं पढ़ाई से भटक रहे हैं। ऊंची आवाज पर हो रहे आयोजनों के कारण पढऩे वाले बच्चों के साथ दूसरे लोग भी प्रभावित हैं। इसमें बुजुर्गों, कामकाजी महिलाओं और अनिद्रा के रोगियों की बहुतायत है।
मैरिज हाल में लगभग हर दिन हो रही शादी
शादियों का सीजन शुरू होते ही चारों ओर डीजे का शोर है। दोपहर व शाम को पढ़ाई के समय बारात निकलते समय जोर-जोर से डीजे बजाया जा रहा है। तेज आवाज के कारण विद्यार्थी सहित आम लोगों को भी परेशानी से जूझना पड़ता है। जानकारों के मुताबिक 120 डेसीबल का संगीत बहरा कर सकता है। फुल साउंड डीजे में इतना शोर होता है, जिससे मानसिक तनाव, उधा रक्त चाप और हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती है। मैरिज हाल में लगभग हर दिन शादी हो रही है। शादी में बजने वाले डीजे और बैंड के तेज शोरगुल से पढ़ाई में मुश्किल हो रही है।
क्या प्रशासन उठाएगी कोई ठोस कदम?
जोर-जोर से आने वाले शोर के कारण छात्रों का पढ़ाई से ध्यान भटक रहा है। पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए तेज आवाज नुकसानदेह साबित हो रही है। कानफोडू शोर तनाव का सबब बन रहा है। नियम अनुसार परीक्षा के दौरान लाउडस्पीकर के प्रयोग से पहले अनुमति लेना आवश्यक होता है। विभिन्न समारोह में प्राय: आयोजन से पहले ऐसी कोई अनुमति नहीं ली जाती। लाउडस्पीकर और डीजे के प्रयोग पर बंदिश लगाने में प्रशासन की ओर से नजरअंदाज किया जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन शीघ्र ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाते हुए विद्यार्थियों के हित में फैसला लेते है या नहीं?