छत्तीसगढ़ मॉडल की राह पर केंद्र सरकार: प्रधानमंत्री मोदी ने किया गोबर से धन कमाने का ऐलान, मुख्यमंत्री बघेल बोले- हमने पहले ही कर दिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने गोधन न्याय योजना लेकर आई, जिससे गाय पालकों को अच्छी खासी आमदनी हो रही है। अब इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। PM मोदी ने UP में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आवारा पशुओं को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गोबर से धन कमाने के लिए योजना लाएंगे। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जो आप करने जा रहे हैं, उसे छत्तीसगढ़ में पहले ही लागू कर दिया गया है।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर अवारा पशुओं को लेकर एक एलान किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के गोबर से अब धन कमाने के लिए योजना लाएंगे। अब पशुओं के गोबर से आप धन कमा सकेंगे। इसी को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि हमने छत्तीसगढ़ में कर दिखाया। हमारी नेता ने उत्तर प्रदेश में अपनाया। कथित “गुजरात मॉडल” वालों ने आज मंच से “छत्तीसगढ़ मॉडल” गुनगुनाया। #गोधन_न्याय_योजना।

क्या है गोधन न्याय योजना ?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरूआत की थी। गोधन न्याय योजना के योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा गाय पालने वाले पशुपालक किसानों से सरकार गाय का गोबर ख़रीदती है। इस योजना के तहत पशुपालक से ख़रीदे गए गोबर का उपयोग सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के लिए कर रही है। इस योजना के ज़रिये छत्तीसगढ़ सरकार गायों के लिए भी कार्य कर रही है।

2 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा गोबर
राज्य के पशुपालकों को इस योजना का सीधा लाभ मिल रहा है। पहले चरण में राज्य के 2240 गोशालाओं को जोड़ा गया था, फिर कुछ ही दिनों में 2800 गौशाला का निर्माण होने के बाद दूसरे चरण में भी गोबर खरीदा गया। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गाय जा गोबर 2 रूपये प्रति किलो की दर से ख़रीदा जा रहा है।

100 करोड़ से अधिक की राशि की गई वितरित
गौरतलब है कि 8 सितंबर 2021 को राजधानी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पशुपालक एवं संग्रहकों के खाते में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 27वीं किस्त की राशि का वितरण किया था. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा यह भी जानकारी प्रदान की गई थी. इस योजना के अंतर्गत एक ही दिन में 100 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई है। इस योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह को 1 करोड़ 41 लाख, गौठान समितियों को 2 करोड़ 18 लाख, स्वय सहायता समूह को कुल 21 करोड़ 42 लाख तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। गोबर खरीदी की एवज में मुख्यमंत्री द्वारा पशुपालक और संग्रहको, स्व सहायता समूह एवं गौठान समितियों को 5 करोड़ 33 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया गया है।

 

ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तौर पर विकसित 
छत्तीसगढ़ में आंकड़ों के मुताबिक गौठानों से लगभग 6 लाख क्विंटल खाद का उत्पादन होता है। इन गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क में विकसित करने के बाद खाद उत्पादन में वृद्धि आ रही।

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