सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा बढ़ी, निश्चेतना विशेषज्ञ नहीं: दुर्ग-सुपेला अस्पताल के साथ 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आपरेशन पर हो रहा बेवजह खर्च

दुर्ग (चिन्तक)। जिले के आठोें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द में सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध हो गई है लेकिन इसके अनुपात में निश्चेतना विशेषज्ञ चिकित्सक नही है। स्वास्थ्य विभाग आपरेशन के लिए प्राईवेट निश्चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं ले रहा है। फलस्वरूप प्रतिमाह लाखो रूपए का भुगतान करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संविदा के रूप में भी निश्चेतना विशेषज्ञ की भर्ती नही किया जाना आश्चर्य का विषय है। जानकारी के अनुसार जिले के आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन, झीट, निकुम, उतई, धमधा अहिवारा, कुम्हारी और बोरी मे पहले नार्मल डिलीवरी की सुविधा थी लेकिन  अब इन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा दुर्ग व सुपेला के अस्पताल में भी यह सुविधा उपलब्ध है।

यहां यह बताना लाजिमी होगा कि सीजेरियन डिलवरी के लिए निश्चतेना विशेषज्ञ चिकित्सक की उपस्थिति अनिवार्य होती है। मरीज को बेहोश करने का काम निश्चेतना विशेषज्ञ करता है और पूरे आपरेशन के समय सर्जन के साथ मौजूद रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने सीजेरियन आपरेशन की सुविधा का विस्तार किया है यह एक अच्छी पहल है और ग्रामीण क्षेत्र के मरीजो को अब दुर्ग अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन सुविधा के अनुपात में निश्चेतना विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं कर रहा है। इससे मरीजों को मिलने वाले लाभ पर संशय की स्थिति निर्मित हो गई है।

प्रतिमाह लाखों का खर्च

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग व सुपेला अस्पताल में प्रतिमाह प्रत्येक में ढाई से तीन दर्जन के आसपास सीजेरियन डिलवरी के आपरेशन होते है। जबकि प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में होने वाले आपरेशन की संख्या एक दर्जन के आसपास है। इन सभी जगह आपरेशन के लिए प्राईवेट निश्चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं ली जा रही है। बताया गया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक आपरेशन के लिए बुलाए गए प्राइवेट निश्चेतना विशेषज्ञ को दो से ढाई हजार रुपए का भुगतान कर रहा है। इस तरह प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च करके निश्चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं ली जा रही है। और शासन की राशि का व्यय किया जा रहा है।

बाहरी विशेषज्ञों से मिलता है कमीशन

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संंविदा पर भर्ती करके निश्चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं नही लेने का कारण आर्थिक हितों पर आधारित है। बताया गया है कि संविदा पर भर्ती करने के बाद उन्हें प्रतिमाह निश्चित वेतन देना पड़ेगा। जबकि बाहरी प्राईवेट निश्चेतना विशेषज्ञ को अतिरिक्त भुगतान के नाम पर कमीशन का भी लाभ होता है। जिले में दुर्ग, सुुपेला के साथ आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए आधा दर्जन निश्चेतना विशेषज्ञों को संविदा भर्ती करने की जरूरत है, लेकिन आर्थिक लाभ के चक्कर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इससे परहेज कर रहा है।

एक निश्चेतना विशेषज्ञ आफिस में अटैच

बताया गया है कि शासन द्वारा एक निश्चेतना विशेषज्ञ की नियुक्ति जिले में की गई है लेकिन उन्हें  सी.एम.ओ. आफिस में अटैच कर दिया गया है और उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दे दी गई है जबकि आपरेशन के लिए निश्चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं ली जा सकती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त भुगतान करके विशेषज्ञों को बुलाने में ज्यादा रूचि दिखा रहा है।

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