मंदिर के सामने स्थित अवैध अतिक्रमण पर कब चलेगा बुलडोजर… नहीं लगी हाईमास्ट लाईट, राम व सांई भक्त हुए विधायक से नाराज
दुर्ग (चिन्तक)। कसारीडीह स्थित भगवान राम जानकी व सांई मंदिर के समाने स्थित अवैध अतिक्रमण को बेदखल करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। राम व सांई भक्तों ने विधायक अरूण वोरा पर अतिक्रमणकारी को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए गहरी नाराजगी जताई है और कहा कि यदि मंदिर परिसर के क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त नहीं किया गया तो अगले विधानसभा के चुनाव में विधायक का समर्थन नहीं करेंगे। भक्तों का यह भी कहना है कि विधायक ने क्षेत्र में हाईमास्ट लाईट लगाने की घोषणा की थी लेकिन काम शुरू करने के बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
जानकारी के अनुसार कसारीडीह में राम जानकी व सांई मंदिर के सामने अवैध रूप से अतिक्रमण पिछले कई वर्षोँ से स्थित है। इस अतिक्रमण के कारण राम जानकी मंदिर व सांई मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी हो रही है। अतिक्रमण के कारण मंदिर परिसर के क्षेत्र में धार्मिक आयोजन भी नहीं हो पा रहा है। इस अतिक्रमण को बेदखल करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। मंदिर समिति के लोगों ने विधायक अरूण वोरा के पास जाकर अतिक्रमण के अवैध होने की प्रमाणिक जानकारी देकर पहल करने की मांग की है और कहा कि इससे हजारों धर्मपे्रमियों की भावना आहत हो रही है। लेकिन विधायक द्वारा इस मामले में कोई पहल नहीं की जा रही है। समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों ने प्रशासन को भी प्रमाणिक दस्तावेज सौंपे है और कार्यवाही की मांग की है। इस मामले में किसी भी तरह की कार्यवाही होने से धर्मप्रेमी विधायक अरूण वोरा के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में यह माना जा रहा है कि अगले चुनाव को यह मुद्दा प्रभावित कर सकता है। जिस जगह पर अतिक्रमण अवैध रूप से स्थित है उसे हटाने की मांग राम मंदिर महिला समिति, गायत्री मंदिर समिति, नवग्रह एवं माता मंदिर समिति, सांई मंदिर समिति द्वारा की जा रही है। इन सभी समितियों से हजारों की संख्या में धर्मपे्रमी जुड़े हुए हैं।
जाने कया है मामला
जानकारी के मुताबिक अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के कार्यकाल में मंदिर के सामने छोटू यादव उर्फ पूनाराम यादव को 215.2 फीट की जगह का पट्टा मिला था। अर्थात यह पट्टा बीस वर्ग मीटर का आबंटित हुआ था। इस पट्टे का न ही विक्रय किया जा सकता है और न ही यह किसी दूसरे गैर व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है। मूल पट्टेधारी छोटू यादव उर्फ पूना राम यादव की एक दिसंबर 2011 को मृत्यु हो चुकी है। छोटू यादव के वारिसान के रूप में लक्ष्मी यादव उर्फ दीप्ति उर्फ गुड़िया एवं नारायण प्रसाद यादव है। इन वारिसानों ने पट्टे को शासन के पक्ष में त्याग करने का शपथ पत्र देकर जगह को शासन के सुपुर्द कर दिया है। यह जगह अब शासन की हो गई है लेकिन इस जगह पर अवैध रूप से अतिक्रमण करके एक महिला काबिज है। जिसने पट्टे की सीमा को बढ़ाकर कब्जा कर रखा है। झोपड़ी नुमा अवैध कब्जे में बाथरूप का भी निर्माण किया गया है जिसका गंदा पानी मंदिर की तरफ आता है। चूंकि महिला कांगे्रस की कार्यकर्ता है इसलिए विधायक पर संरक्षण का आरोप लग रहा है। जबकि कब्जा पूरी तरह अवैध और नियम व कानून के विपरीत होकर किया गया है। कब्जा करने वाली महिला कार्यकर्ता वर्तमान में पद्मनाभपुर के एमआईजी मकान में निवासरत हैं।
नहीं लगी हाईमास्ट लाईट
राम मंदिर, गायत्री मंदिर व सांई मंदिर समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि विधायक अरूण वोरा ने क्षेत्र में हाईमास्ट लाईट लगाने की घोषणा की थी। इसके तहत लाईट लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया था। गड्ढे को खोदकर पोल लगाने का काम भी चल रहा था लेकिन अवैध कब्जाधारी महिला कार्यकर्ता के कहने पर विधायक अरूण वोरा ने हाईमास्ट लाईट लगाने का काम बंद कर दिया है। जहां पहले गड्ढे की खुदाई की गई थी वहीं लाईट लगाने की मांग की गई है।
विभिन्न समितियों द्वारा बैठक की तैयारी
अवैध अतिक्रमण व हाईमास्ट लाईट के मुद्दे को लेकर कसारीडीह क्षेत्र में स्थित विभिन्न मंदिर समितियों द्वारा बैठक बुलाने की तैयारी की जा रही है जिसमें अहम निर्णय लिए जाएंगे। इसके बाद धर्म पे्रमियों का समर्थन हासिल करके इसे आंदोलन का रूप दिया जाएगा।