अपने पूरे करियर में कभी भी कोई स्क्रिप्ट नहीं पढ़ी: एक्टर सनी देओल

न्यूज रूम: एक इंटरव्यू में सनी ने बताया कि बचपन में उन्हें ठीक से पढ़ाई ना करते पर खूब थप्पड़ पड़ते थे, क्योंकि तब किसी को डिस्लेक्सिया के बारे में पता ही नहीं था। डिस्लेक्सिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें बच्चे को पढ़ने, लिखने और वर्तनी समझने में दिक्कत होती है। इसमें बच्चे सीधे अक्षर को उल्टा लिखते हैं, जो एक तरह की लर्निंग डिसेबिलिटी है। एक्टर ने कहा कि डिस्लेक्सिक होने की वजह से ही वो पब्लिक स्पीच के दौरान नर्वस हो जाते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘मैं कभी स्क्रिप्ट नहीं पढ़ता, क्योंकि मैं पढ़ ही नहीं पाता। मैंने कभी कोई डायलॉग नहीं पढ़ा, मैं सिर्फ अपने किरदार को महसूस करके अपने भाव व्यक्त करता हूं।

जब भी कोई डायरेक्टर मुझे स्क्रिप्ट देता है तो मैं उसे नहीं पढ़ता। मैं अक्सर उनसे कहानी नरेट करने की डिमांड करता हूं। उनसे पूछ लेता हूं कि वो मुझसे क्या करवाना चाहते हैं और फिर मैं उसे अपने अंदाज में कह देता हूं।’

सनी ने आगे कहा, ‘मेरे ख्याल से मैसेज सामने आना जरूरी है, मीडियम क्या है उससे फर्क नहीं पड़ता। मेरे लिए डायलॉग पढ़कर बोलने से ज्यादा आसान उसे सुनकर बोलना है। और फिर मैं यह मानता हूं कि डायलॉग को सिर्फ डायलॉग समझकर नहीं बोलना चाहिए। कुछ इस तरह बोलना चाहिए कि सामने वाले को पर्सनल फील हो।

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