हिंदी दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?

न्यूज रूम: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर हिंदी के महत्व को समझाने और इसे बढ़ावा के मकसद से मनाया जाता है लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर इस दिन को मनाने के लिए 14 तारीख ही क्यों चुनी गई। दरअसल आजादी के बाद हुए एक समझौते के चलते इस दिन को चुना गया था| जिसे मुंशी-आयंगर फॉर्मूला कहा जाता है|

बाबा साहब अंबेडकर की अध्यक्षता में तमाम कानूनों पर चर्चा हुई और उन्हें बनाया गया| इसी तरह भाषा संबंधी कानून बनाने को लेकर भी एक कमेटी बनाई गई| इसकी जिम्मेदारी दो बड़े भाषाई विद्वानों को दी गई| पहले थे कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी और दूसरे तमिल भाषी नरसिम्हा गोपालस्वामी आयंगर|

लंबी बहस और चर्चा के बाद आखिरकार मुंशी-आयंगर फॉर्मूले वाले समझौते पर मुहर लगी| इसके बाद 14 सितंबर 1949 को एक कानून बनाया गया, जिसमें हिंदी को राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा का दर्जा दिया गया| अनुच्छेद 351 और 343 में इसे परिभाषित किया गया. इसमें कहा गया कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी|

भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में हिंदी भाषा बोली जाती है| बात करें दुनिया की, तो मंडेरिन, स्पेनिश और अंग्रेजी भाषा के बाद हिंदी दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या की अगर बात करें तो 2011 की जनगणना के मुताबिक करीब 43 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं| इसके बाद सबसे ज्यादा बंगाली और मराठी बोली जाती है|

वहीं, भारत में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड,बिहार, झारखंड,मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़,हरियाणा,दिल्ली,राजस्थान,हिमाचल प्रदेश में हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।