डिप्रेशन व तनाव की दवा का नशे के रूप में सेवन, तीन माह में आधा दर्जन मामले सामने आए

दुर्ग (चिन्तक)। डिप्रेशन व तनाव चिड़चिड़ापन सहित विभिन्न मनोरोगों के उपचार में दी जाने वाली दवाओं का उपयोग आज के युवा नशे के रूप में कर रहे हैं। मेडिकल दूकानों में डाक्टरों की फर्जी के आधार पर ही ऐसी दवाएं मरीजो के पास से ऐसी दवाओं का जखीरा मिल रहा है। पुलिस ने पिछले तीन माह के अंतराल में लाखो रू, की नशीली दवाईयां जप्त की है।

जानकारी के अनुसार, हृदयरोग से संंबंधित परेशानी डिपे्रशन तनाव व चिड़चिड़ापन के साथ कई अन्य रोगों के उपचार के लिए एलपरा जोवस, नाईट्रोवेट कोडिन युक्त सिरप कलोना जेप बेहद उपयोगी है। इसलिए ये दवाएं शहर के विभिन्न मेडिकल स्टोर्स में उपलब्ध है। इन दवाओं को कोई भी सामान्य तरीके से नही खरीद सकता। चिकित्सक की पर्ची के आधार पर ही मेडिकल दूकानों से यह दवाएं मिलती है । मेडिकल स्टोर्स के संचालक दवा की पर्ची की छाया प्रति लेकर ही दवा उपलब्ध कराते है। मेडिकल स्टोर्स में अथवा थोक दवा विक्रेता के पास उपलब्ध स्टाक की बराबर जांच की जाती है। सामान्य व्यक्ति इस दवा का उपयोग नही कर सकता लेकिन वर्तमान में युवा वर्ग इस तरह की दवाओं का उपयोग धड़ल्ले से कर रहा है।

कहांं से पहुंच रहा है अवैध स्टाक
एलपरा जोलम और नाइट्रोवेट के साथ कोडिनयुक्त सिरप व कालोना जेप का विक्रय शहर में अवैध रूप से बेधड़क हो रहा है। पुलिस ने पिछले तीन माह के अंतराल में आधा दर्जन से अधिक ऐसे मामले पकड़े है और लाखों रू. की दवाओं के साथ लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी लोग चौक चौराहे होटल या चाय दूकानंो में बैठकर दवा की सप्लाई करते हुए पकड़े गए है। इनके पास इस तरह की दवाईयां कैसे और किन परिस्थितियों मेंं पहुंच रही है। इसका सरगना कौन है। पुलिस ने कभी भी इस तथ्य का खुलासा नही किया है। इसका परिणाम यह है कि इस तरह की दवाईयों की बिक्री बेरोक टोक जारी है।

नींद के लिए आती है उपयोग
एलपरा जोलम और नाइट्रोवेट के साथ कोडिनयुक्त सिरप व अन्य ऐसी दवाईयों का उपयोग नींद के लिए होता है। प्रभावित मरीजों को दी जाने वाली यह दवाई उनके रोगों के उपचार में राहत देती है मरीज को पूरे आराम का लाभ मिलता है। हृदय से संबंधित रोग, डिप्रेशन में यह दवा ज्यादा लाभकारी बताई गई है।

लीवर किडनी के डेमेज होने का खतरा-डा. गुप्ता


अंचल के प्रसिद्ध मनोरोग विशेषज्ञ डा. प्रमोद गुप्ता का कहना है कि सामान्य व्यक्ति के लिए इस तरह की दवाओं का उपयोग बेहद खतरनाक है। इसके सेवन से लीवर और किडनी के डेमेज होने का खतरा है। शरीर के भीतर भी इसके दुष्प्रभाव पैदा हो जाते है। उन्होने कहा कि इन दवाओं के सेवन से स्वभाव में भारी परिवर्तन आता है और व्यक्ति असामान्य हो जाता है। वह इस अवस्था में कई अन्य गंभीर घटनाओं को भी अंजाम दे देता है जिसमें आत्महत्या जैसा घातक कदम भी शामिल है। उन्होने सामान्य लोगों को नशे से दूर रहने की सलाह दी है और कहा है कि जीवन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए नशे से दूर रहना जरूरी है। नशे से मनुष्य समाज व परिवार से भी दूर हो जाता है।

 

 

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