समय से खाने-सोने वाले बच्चे होते हैं स्वस्थ

शेयर करें

नई दिल्ली। एक नए शोध में सामने आया है कि नियमित रूप से समय पर सोने, खाना समय पर खाने और एक निश्चित समय पर मनोरंजन हो जाने से प्री-स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। उनमें मोटापे की संभावना भी कम रहती है। इसके बारे में अमेरिका के ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय की प्रमुख लेखक सारा एंडरसन ने कहा कि ‘इस शोध से ज्यादा साक्ष्य मिलते हैं कि प्री-स्कूली आयु वाले बच्चों में दिनचर्या उनके बेहतर स्वास्थ्य विकास से जुड़ी होती है। यह इन बच्चों के मोटापाग्रस्त होने की संभावना को भी कम करती है।’ इस शोध में शोधकर्ताओं ने तीन साल की आयु वाले 3000 बच्चों की दिनचर्या का मूल्यांकन किया। उनके समय से सोने जाने, समय से खाने और उनके समय से टीवी या फिल्म देखने का विश्लेषण किया। इस मूल्यांकन में शोधकर्ताओं ने माता-पिता की रिपोर्ट से बच्चों के दो पहलुओं की तुलना की। इसमें आत्म-नियमन और समान उम्र शामिल रही। एंडरसन ने कहा कि ‘हमने पाया कि जिन बच्चों को तीन साल की उम्र में भावनात्मक नियमन में कठिनाई हुई, उनमें 11 साल की उम्र में मोटापे की संभावना ज्यादा रही।’ उनका कहना है कि समय से रोजाना बिस्तर पर नहीं जाने वाले बच्चों में 11 साल की उम्र में मोटापे की संभावना ज्यादा पाई गई। समय पर सोने वाले बच्चों की तुलना में असमय सोने वाले बच्चों में मोटापे की संभावना ज्यादा पाई गई।

You cannot copy content of this page