हाईकोर्ट ने सहायक जेलर का पद आरक्षित रखने का दिया निर्देश, डेढ़ नंबर से चूकने पर उम्मीदवार ने लगाई याचिका

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बिलासपुर। सीजीपीएससी परीक्षा के मामले में अब भी एक विवाद चल रहा है। हाल ही में एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक उम्मीदवार ने परीक्षा में अपने उत्तरों के डेढ़ अंक कम होने के कारण हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। यह याचिकाकर्ता अपनी उत्तरकी प्रतियों की कॉपी को कोर्ट में प्रस्तुत किया है।

उम्मीदवार का दावा है कि प्रश्नों के उत्तर लिखने के बावजूद, पीएससी के तीन परीक्षकों ने उन्हें इस प्रश्न के लिए कोई अंक नहीं दिए थे, बल्कि उन्होंने इसे ‘नो आंसर’ लिख दिया था। इस याचिका की सुनवाई के बाद, जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की बेंच ने इस मामले को गंभीरता से देखा और बड़ा फैसला लिया हैं। इसमें एसटी वर्ग के लिए असिस्टेंट जेलर का एक पद आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा राज्य शासन और पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब भी प्रस्तुत करने कहा गया है।

मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ पीएससी-2022 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पास में अभ्यर्थी टेकराम नाग शामिल हुए थे। इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए कॉल लेटर भी जारी किया गया था। इंटरव्यू में कुल अंक 728 आने के बाद भी उनका किसी पद पर सिलेक्शन नही हुआ। इस बीच, पीएससी ने मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू देने वाले परीक्षार्थियों को अपनी मुख्य परीक्षा की कॉपी देखने की अनुमति दी। जिसके बाद यह बात सामने आई कि उत्तर लिखने के बावजूद भी टेकराम को नंबर नहीं मिले हैं। इसी वजह से वे पद हासिल करने में चूक गए।

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