सचिन पायलट और वे टिकट के सभी फैसलों में हैं शामिल- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

दिल्ली(एजेंसी)। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सचिन पायलट और वे टिकट के सभी फैसलों में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सारे मतभेद भुला चुके हैं। पायलट के साथ जो लोग मानेसर(बगावत के वक्त 2020 में) गए थे, उनके सारे टिकट क्लियर हो रहे हैं, मैंने एक भी सीट को लेकर ऑब्जेक्शन नहीं किया। राजस्थान में फिर से कांग्रेस सरकार बनने की स्थिति में क्या वापस गहलोत सीएम होंगे? इस सवाल पर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस में कभी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनना चाहिए। जो उम्मीदवार बनता है, वो कभी सीएम नहीं बनता है। मैं जब सीएम बना तो उस समय मैं उम्मीदवार नहीं था। मुझे सोनिया गांधी ने चुना। मैं पहले भी कह चुका हूं कि सीएम पद छोडऩा चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा और यह छोड़ेगा भी नहीं।

कुछ तो कारण होंगे कि हाईकमान और गांधी परिवार मुझ पर इतना विश्वास जता रहे हैं। गहलोत ने उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के नेताओं में मतभेद के सवाल पर कहा- विपक्ष को तकलीफ यह हो रही है कि टिकट आपसी सहमति से हो रहे हैं।वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों और नेताओं के टिकट कटने के सवाल पर सीएमगहलोत ने कहा- वसुंधरा को मेरे कारण सजा नहीं मिलनी चाहिए, यह उनके साथ अन्याय होगा। मेरी कुछ बातों को फ्लेवर लगाकर पेश किया गया था। दरअसल, 2020 में जब मेरी सरकार पर संकट था तो कैलाश मेघवाल ने बयान दिया कि राजस्थान में इस तरह सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है। गहलोत ने कहा कि जब भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे और वो इलाज के लिए अमेरिका गए थे तो पीछे से उनके कुछ नेता सरकार गिराना चाहते थे। मेरे पास कुछ नेता आए कि सरकार गिराने में सहयोग कीजिए। मैंने साफ मना कर दिया। उस समय प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और राज्यपाल बलिराम भगत थे। मैंने उन्हें भी कहा था कि सरकार गिराने में सहयोग करना उचित नहीं होगा। गहलोत ने कहा- कैलाश मेघवाल को इस बात की जानकारी थी। जब सियासी संकट आया तो उन्होंने कह दिया कि हमारे यहां इस प्रकार सरकार गिराने की परंपरा कभी नहीं रही। मुझे भाजपा के मेरे मित्रों से ही पता चला कि वसुंधरा राजे का भी यही मानना था। कुछ महीनों पहले धौलपुर में गलती से मेरे मुंह से निकल गया कि मेरी सरकार जब संकट में थी तो वसुंधरा राजे की भावना वही थी, जो भैरोंसिंह शेखावत की सरकार के वक्त मेरी थी। इसे फ्लेवर लगाकर पेश किया गया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी गहलोत और वसुंधरा राजे पर सियासी गठजोड़ के आरोप लगा चुके हैं। वसुंधरा और गहलोत कई बार इसे लेकर सफाई दे चुके हैं।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी गहलोत और वसुंधरा राजे पर सियासी गठजोड़ के आरोप लगा चुके हैं। वसुंधरा और गहलोत कई बार इसे लेकर सफाई दे चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्रीय एजेंसियों पर भी जमकर बरसे। गहलोत ने आरोप लगाया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स के चेयरमैन ने टाइम देने के बाद मिलने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा- ‘जैसे ही मैंने मीडिया को बताया कि मैंसीबीडीटी चेयरमैन से मिलने जा रहा हूं, वहां से कॉल आ गया कि आप अभी मत आओ, हम बाद में खुद आकर आपसे मिल लेंगे। गहलोत ने कहा कि आचार संहिता लगने के बावजूद ई.डी. इनकम टैक्स विपक्ष के नेताओं पर छापे डाल रही है। इसका मतलब आप एक पार्टी को फायदा पहुंचा रहे हो। अब ईडी राजनेताओं के यहां घुसने लग गई है, पहले जांच होती थी और उसके बाद अगर कोई मामला बनता था तो ईडी जांच करती थी। अब तो सीधे नेताओं के यहां ईडी के छापे पड़ रहे हैं, इसलिए मैं सीबीडीटी चेयरमैन से मिलना चाह रहा था।