सिम्स के फोटो व रिपोर्ट पर जताया असंतोष, पढ़ें क्या कहा हाईकोर्ट ने
बिलासपुर| सिम्स की अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट ने अखबारों में छपे खबरों को ध्यान में लेते हुए जांच की आदेश दिए थे। अब कलेक्टर द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जिसमें पेनड्राइव के जरिए लिए गए फोटोग्राफ्स भी शामिल हैं। हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट के माध्यम से दोनों के परिणामों की तुलना की, लेकिन उन्होंने दोनों में मेल नहीं पाया, जिससे हाईकोर्ट में असंतोष जताया गया। इसके परिणामस्वरूप, कोर्ट कमिशनर को नियुक्त कर सिम्स में नई जांच के आदेश दिए गए हैं।
पहले ही, सिम्स में लगातार बदहाली और अव्यवस्था के संदर्भ में हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई की थी, जिसके बाद जिला प्रशासन को नयी जांच के परिणामों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। अब जिला कलेक्टर अवनीश शरण ने इस रिपोर्ट को प्रस्तुत किया है।
इसके लिए मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की बेंच ने जनहित याचिका की मंगलवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने एसीएस द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र, कलेक्टर द्वारा दी गई रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स को देखा, लेकिन दोनों में मेल नहीं पाया, जिससे हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि एसीएस ने सिम्स में उपलब्ध मशीनों और अन्य जानकारी नहीं दी है।
हाईकोर्ट ने सिम्स के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की है, जिसमें 3 वकील श्री सूर्या कंवलकर डांगी, श्री संघर्ष पांडेय, और श्री अपूर्व त्रिपाठी शामिल हैं। इन्हें सिम्स की निरीक्षण करके 26 और 27 अक्टूबर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया गया है। साथ ही, एसीएस को भी इसी दिन फूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ सिम्स का जायजा लेने के लिए कहा। जिसमें दोनों की अलग-अलग रिपोर्ट देने को कहा है।
हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जांच के बाद रिपोर्ट देने के बाद आगामी 1 नवंबर को इस पर सुनवाई की बात कहीं है।