सुपेला सरकारी हॉस्पिटल से किया जा रहा निजी संस्था का प्रचार प्रसार, क्या अस्पताल की व्यवस्था हो गयी है ठप्प

भिलाई (चिन्तक)। आप कई बार समाचारों में पढ़े होंगे की सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा कमिशन के चक्कर में मरीजों को उपचार के लिए निजी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है। सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों के लिए सारी व्यवस्था और सुविधाएं होने के बाद भी मरीज निजी हॉस्पिटल की और रुख करते है। शासकीय अस्पतालों में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है। वहीं शासकीय कर्मचारियों द्वारा व्यवस्थाओं का पतिला लगा दिया जाता है।

एक ऐसा ही नजारा आज दुर्ग जिले की सुपेला भिलाई स्थित शासकीय लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल में देखने को मिला। जहां शासकीय अस्पताल के मुख्य द्वार पर बैनर पोस्टर लगाकर लोगों में ब्रेस्ट कैंसर बीमारी से जागरूकता के नाम पर सुधीर एक्सरे द्वारा कई दिनों से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वही जब इस संबंध में लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर स्वामी देव भूपेंद्र से चर्चा की गई तो वे भी गोल-माल जवाब देने लगे। कुल मिलाकर सवालों के जवाब उनके पास नहीं था।

पर सवाल है कि 1. क्या बीमारी से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने जिला स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी है ? 2. क्या शासकीय अस्पताल द्वारा बैनर पोस्टर लगाकर किसी निजी संस्था या निजी अस्पताल का प्रचार प्रसार किया जा सकता है ? 3. क्या प्रचार प्रसार अनुमति अस्पताल इंचार्ज द्वारा दी गई है?

रीसेंट पोस्ट्स