राहुल गांधी के वायनाड में फंसे अमेठीवासियों के लिए स्मृति ईरानी ने भेजी राहत सामग्री
अमेठी. कांग्रेस (Congress) सासद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड (Waynad) में फंसे जिले कुछ मजदूरों की मदद के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) सामने आई हैं. दरअसल, अमेठी संसदीय क्षेत्र के कुछ मजदूर रोजी रोटी कमाने के लिए वायनाड में थे, लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) होने की वजह से मजदूरी भी बंद हो गई और वे लोग घर भी नहीं लौट सके. जिसके बाद इन मजदूरों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से मदद की गुहार लगाई थी. इसकी सूचना जब स्मृति ईरानी को मिली तो उन्होंने न सिर्फ फूड पैकेट भेजे हैं, बल्कि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए जरूरी वस्तुएं और अन्य राहत सामग्री भी भेजकर हर परिस्थिति में साथ खड़े रहने के लिए आश्वस्त भी किया है.
लोक सेवा भारती यूनिट के माध्यम से भेजी मदद
बताते चलें कि अमेठी के अलग-अलग गांव के लोग राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड के मल्लपुरम और करूवाराकुंडम में मजदूरी करने गए थे. इसी बीच कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हो गया और इससे बचने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया. इसी लॉकडाउन में फसने के बाद मजदूरों ने अमेठी में अपने सहयोगियों और दोस्तों से संपर्क कर अपनी व्यथा बताई. जिसके बाद मजदूरों के सहयोगी और दोस्तों ने अमेठी में सांसद स्मृति ईरानी के दफ्तर में संपर्क कर मदद की अपील की. जिसके बाद अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने केंद्रीय राज्य मंत्री बी मुरलीधरन के साथ वहां की लोकल सेवा भारती यूनिट से संपर्क कर फंसे मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए मदद पहुंचाई. साथ ही हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहने का आश्वासन भी दिया.
अन्य राज्यों में फंसे अमेठीवासियों के लिए भी चिंतित हैं सांसद स्मृति
वहीं बीजेपी के जिला महामंत्री सुधांशु शुक्ला ने बताया कि कोरोना महामारी से पूरा देश संकट के दौर से गुजर रहा है. इस संकट की घड़ी में स्थानीय सांसद न सिर्फ पूरी अमेठी के लिए चिन्तित हैं, बल्कि पूरे देश के कोने-कोने में अमेठी के फंसे परिवारो के लिए चिन्तित हैं. उन्होंने कहा कि अमेठी के जो भी लोग वायनाड में फंसे हैं, उनके लिए अमेठी सांसद ने न सिर्फ भोजन पहुंचाने का काम किया बल्कि उनकी हर प्रकार की समस्या के समाधान भी कर रही हैं. वो अमेठी के साथ-साथ ही पूरे देश के कोने-कोने में फंसे लोगों के लिए चिन्तित हैं और उनकी मदद के लिए भी प्रयासरत हैं.