मंगलसूत्र में क्यों होते हैं काले मोती और सोना? जवाब जाने यहां……

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न्यूज़ रूम| सनातन धर्म में मंगलसूत्र पहनने का बहुत ही बड़ा महत्व होता है| ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलसूत्र 16 श्रृंगार में से एक हैं| मान्यता है कि मंगलसूत्र के बिना विवाह पूर्ण नहीं माना जाता है| दुल्हा अपने हाथों से दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाता है, तब जाकर विवाह सफल हो पाता है|

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलसूत्र पहनने और पहनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है| मंगलसूत्र खास तौर पर सोना और काले मोतियों से बने होते हैं और यह विशेष धागे से गुथा जाता है| जिस विशेष धागे में मंगलसूत्र गुथा जाता है, उस धागे को रक्षा सूत्र कहा जाता है| लेकिन, क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर क्यों मंगलसूत्र हिंदू धर्म में इतना महत्वपूर्ण होता है? क्यों मंगलसूत्र महिलाओं के सौभाग्य का निशानी होता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सनातन धर्म में मंगलसूत्र का बहुत ही अधिक महत्व होता है| मान्यता है कि मंगलसूत्र के बिना शादी अधूरी मानी जाती है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलसूत्र में सभी देवी-देवताओं का वास होता है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलसूत्र का अर्थ शुभ धागा होता है| यानी मंगलसूत्र वर-वधु एक दूसरे को पवित्र बंधन में बांधने का काम करती हैं| आपने देखा होगा मंगलसूत्र में काला मोती और सोना रहता है, लेकिन कभी इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है| तो आइए जानते हैं आखिर क्यों मंगलसूत्र में सोना और काला मोती क्यों रहता है|

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलसूत्र में सोना इसलिए लगाया जाता है, क्योंकि सोना सुहाग का प्रतीक होता है| वहीं आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार सोना में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती है| हीलिंग प्रॉपर्टीज विवाहित महिलाओं को चिंता, टेंशन और तनाव से दूर करती है| धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोना गुरु ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है| इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाली भी लाता है|

आपने ज्यादातर मंगलसूत्र काले मोती से बने हुए देखे होंगे| मान्यता है कि काला मोती विवाहित महिलाओं और दांपत्य जीवन को बुरी नजर से बचाता है| इससे साथ ही काला मोती भगवान शिव का प्रतीक भी माना गया है| इसलिए शास्त्रों के अनुसार, मंगलसूत्र पति का रक्षा कवच के रूप में माना गया है|

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