जहां उपचुनाव होना है, वहां खूब बंट रहा है राशन
भोपाल। कोरोना वायरस की वजह देशभर में लॉकडाउन है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों तक प्रशासन एवं समाजसेवी संस्थाएं राशन एवं भोजन पहुंचाने का काम कर रही हैं। प्रदेश में उन विधानसभा क्षेत्रों में भी राशन वितरित किया जा रहा है, जहां निकट भविष्य में विधानसभा उपचुनाव होना है। कांग्रेस एवं भाजपा की ओर से विधानसभा टिकट के दावेदार नेता अपने समर्थकों के माध्यम से क्षेत्र की गरीब बस्ती एवं जरूरतमंद लोगों तक सामान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। प्रदेश में पिछले महीने गहराए राजनीतिक संकट के दौरान सिंधिया समर्थक 22 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इन सीटों पर उपचुनाव होना है।
प्रदेश में लॉकडाउन में सभी राजनीतिक गतिविधियां बंद हैं, लेकिन राजनीति दल कार्यकर्ताओं के माध्यम से चुनाव क्षेत्रों में राशन वितरण व्यवस्था के जरिए सक्रियता बनाए हुए हैं। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी किए हैं कि बूथ कार्यकर्ता जरूरतमंद के लिए भोजन की व्यवस्था करे। इसी तरह कांग्रेस भी उपचुनाव वाले क्षेत्रों में लोगों के बीय राशन वितरण व्यवस्था के जरिए पहुंच रही है। कोरोना संकट पर काबू पाने के बाद चुनाव आयोग प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान करेगा। जिनमें से ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है। खास बात यह है कि 24 सीटों में से 9 सीट अनुसूचित जाति एवं एक सीट जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। ग्वालियर शहर की ग्वालियर व पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने हैं। इन दोनों क्षेत्रों में पिछले 10 दिन से जमकर भोजन के पैकेट व राशन बंट रहा है। ग्वालियर से पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और ग्वालियर पूर्व से पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल अब भाजपा के संभावित प्रत्याशी होंगे। इसी तरह मुरैना, दतिया, डबरा, पोहरी, अशोकनगर, गुना जिले की उपचुनाव वाली सीटों पर भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पूर्व विधायक एवं मंत्री राशन का वितरण करवा रहे हैं। लोगों को भोजन कराने के साथ-साथ राशन के पैकेट दिए जा रहे हैं। प्रद्युम्न सिंह तोमर व मुन्नालाल गोयल का कहना है कि राशन व पैकेट बांटने में जिला प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा हैं। हालांकि सभी क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए ही राहत सामग्री का वितरण कराया जा रहा है।
पूर्व मंत्रियों को उपचुनाव जीतने की चिंता
अलग-अलग क्षेत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंधिया समर्थक छह पूर्व मंत्रियों की कोशिश हर हाल में विधानसभा उपचुनाव जीतने की है। यही वजह है कि पूर्व मंत्री कोरोना संकट में लोगों तक पकड़ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर में हर गरीब बस्तियों तक खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं। क्षेत्र में उनकी पहचान जमीनी नेता की है। इसी तरह ग्वालियर पूर्व में भी मुन्नालाल गोयल लोगों का खासा ध्यान रख रहे हैं। दोनों नेताओं की पकड़ गरीबों में ज्यादा है। डबरा में इतरती देवी भी अपने समर्थकों के माध्मय से लोगों तक राशन पहुंचाने का काम कर रही हैं, हालांकि इमरती ने अभी अपने हाथ अन्य नेताओं की तरह नहीं खोले हैं। इंदौर जिले के सांवेर में भी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिवावट जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं। गुना जिले के बमौरी में पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने भी क्षेत्र के लोगों के लिए राशन की व्यवस्था की है। इसी तरह सागर जिले की सुरखी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी समर्थकों के माध्यम से लोगों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। रायसेन जिले के सांची में भी प्रभू राम चौधरी लोगों की मदद कर रहे हैं। हालांकि उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिल रहा है।
बुंदेलखंड में गोविंद सिंह अकेले सिंधिया समर्थक
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पिछले महीने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थ। वे बुंदेलखंड में अकेले सिंधिया समर्थक विधायक थे, जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। अब उनके सामने उपचुनाव जीतने की बड़ी चुनौती है। क्योंकि गोविंद सिंह सागर जिले से आते हैं और सागर जिले में शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले कई दावेदार विधायक हैं। जिनमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह का मंत्री बनना तय है। इसके अलावा प्रदीप लारिया और शैलेन्द्र जैन भी मंत्री के दावेदार हैं। भाजपा के इन दिग्गज नेताओं के बीच आपसी राजनीतिक खींचतान बनी रहती है। गोविंद सिंह भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ेंगे, लेकिन भाजपा के दिग्गजों के बीच उनका उपचुनाव जीतना आसान नहीं होगा।