Punjab में खुला पहला Skin Bank, 50% से ज्यादा जले मरीजों को मिलेगा नया जीवन
चंडीगढ़| चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर मेडिकल संस्थान में स्किन बैंक का उद्घाटन किया गया है| जहां 50% से भी ज्यादा जल चुके मरीजों को नया जीवनदान मिलेगा| डॉक्टारों के मुताबिक डोनर के द्वारा दान की गई स्किन को करीब पांच साल तक संरक्षित कर सकते हैं| इसका उपयोग उन रोगियों के लिए करते हैं जो 30-50% से अधिक जले हुए हैं|
स्किन बैंक में पदस्थ डॉक्टरों के मुताबिक, 40 फीसदी से ज्यादा जलने पर ही मरीज को किसी दूसरे से त्वचा लेनी होती है| एक बार जब त्वचा ग्राफ्ट लग जाता है, तो रोगी के घाव 2 से 3 सप्ताह के भीतर ठीक होने लगते हैं| रिकवरी देखी जाती है, और यदि रोगी को त्वचा ग्राफ्टिंग की आवश्यकता होती है, तो पुनः ग्राफ्टिंग की जाती है|
स्किन ग्राफ्टिंग का मतलब यह नहीं है कि मरीज को स्थायी रूप से स्किन ग्राफ्ट करना होगा। यह एक अस्थायी प्रक्रिया है, ताकि उसे तब तक सहारा दिया जा सके जब तक कि उसके घाव जल्दी ठीक न हो जाएं और उसकी अपनी त्वचा वापस न आ जाए| पीजीआई में हर साल 500 बर्न मरीज पंजीकृत होते हैं| त्वचा लेने के बाद उसकी स्क्रीनिंग और परीक्षण किया जाएगा| त्वचा को कम तापमान पर 5 साल तक संग्रहीत किया जा सकता है|