मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन करें भगवान सत्यनारायण की कथा, 32 गुना मिलेगा फल …

न्यूज़ रूम| मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को है| ये इस साल की आखिरी पूर्णिमा होगी| मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस साल बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग का संयोग बन रहा है, जो व्रती को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्रदान करने में मदद करेगा|

मार्गशीर्ष मास की शुरुआत 28 नवंबर से हुआ है और इसका समापन 26 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ होगा| मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 26 दिसंबर की सुबह 5:46 बजे होगा और इसका समापन 27 दिसंबर की सुबह 6:02 बजे होगा| पूर्णिमा तिथि का व्रत, स्नान, दान आदि सभी कार्य 26 दिसंबर को करना ही मान्य होगा| मंगलवार 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का कार्यक्रम ब्रह्म मुहूर्त से प्रारंभ हो जाएगा|

मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और माँ लक्ष्मी को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है। इस दिन किया गया दान अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना फलदायी होता है| यही वजह है कि इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है| ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक विकास, आंतरिक परिवर्तन और ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली है| पुराणों के अनुसार अगहन पूर्णिमा पर व्रत, पूजा सत्यनारायण कथा करने वाले दीर्धायु होते हैं|

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