सरकार के रिपीट होने के चक्कर में कर्ज लेकर फंसे किसान, सोचा था फिर हो जाएगी कर्ज माफी, लेकिन बदल गई सरकार
दुर्ग(चिन्तक)। कांग्रेस की सरकार के दुबारा सत्तासीन होने की आशा में चुनाव से पहले कर्जा लेने वाले किसान बुरी तरह फंस गए है। ऐसे किसानो को उम्मीद थी कि उनका कर्जा कांग्रेस की सरकार बनते ही फिर माफ हो जाएगा लेकिन पासा उलटा पड़ गया है और प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी का वादा किया था परिणाम स्वरूप 15 साल से सत्तासीन भाजपा को बुरी तरह से पराजय का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस ने एक तरफ 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिक की थी। कांग्रेस ने सत्तासीन होने के बाद किसानों के कर्ज को सबसे पहले माफ किया था। इससे प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित हुए थे।
कांग्रेस सरकार ने न्याय योजना के तहत किसानों को समर्थन मूल्य का भी भुगतान किया। इसका भी किसानो को पूरा लाभ मिला। कांग्रेस सरकार को अपनी इस योजना से किसानो को भारी जन समर्थन की उम्मीद थी। ग्रामीण क्षेत्रो की सीटों को लेकर कांग्रेस का आत्म विश्वास दुगुना हो गया था।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने धान समर्थन मूल्य बढ़ाने के साथ दुबारा सरकार बनने पर फिर कर्ज माफी का वादा किया था। कांग्रेस की इस घोषणा से किसान सक्रिय हुए और चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में किसानो ने बैंक से फिर कर्ज ले लिया। दुर्ग जिले में भी हजारों की संख्या में किसानों ने बैंक से कर्जा लिया है। इसमें ऐसे भी किसान है जिन्हें पैसे की जरूरत नही थी इसके बाद भी कर्ज ले लिए। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार किसी ने दो लाख किसी ने चार लाख तो किसी ने आठ व किसी ने इससे भी ज्यादा कर्ज ले लिए है।
इन किसानों को विश्वास था कि प्रदेश में पुन: कांग्रेस की सरकार सत्तासीन होगी और पिछली बार की तरह इस बार भी उनका कर्ज माफ हो जाएगा और वे इससे लाभान्वित होंगे लेकिन परिस्थिति बदल गई है और प्रदेश की जनता ने जनादेश भाजपा के पक्ष में दे दिया है। इस अवस्था में अब किसानो की कर्ज माफी की कोई गुंजाइश नही है और उन्हें लिए कर्ज का भुगतान हर हाल में करना होगा।
ग्रामीण क्षेत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कर्ज लेने वाले किसान परेशान व हताश है और बुरी तरह से फंस गए है। कर्ज का भुगतान उनके लिए एक बड़ी परेशानी का सबब बन गया है। कई किसानों का कर्ज की वजह से आर्थिक संतुलन के भी प्रभावित होने की खबर है।