जिले के ग्रामीण क्षेत्रो से खनिज संपदा का दोहन, मुरूम व रेत का अवैध खनन के साथ बेधड़क परिवहन

दुर्ग(चिन्तक)। प्रदेश मे नई सरकार के सत्तासीन होने के बाद भी जिले में खनिज संपदा का दोहन बदस्तूर जारी है। खनिज माफिया बेधड़क होकर खनिज का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। प्रशासन व खनिज विभाग द्वारा ऐसे लोगों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही की जा रही है।

जानकारी के अनुसार जिले के विभिन्न क्षेत्रों से मुरूम रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। दुर्ग से लगे अंडा, नगपुरा, बोरई ,अंजोरा, ढाबा, चंगोरी, बिरेझर, पिसेगांव व चंदखुरी जांजगिरी कुथरेल सहित आसपास के गांव से मुरूम निकालने का काम जोरों से चल रहा है। इसी तरह शिवनाथ व खारून नदी से रेत निकाली जा रही है।

खनिज विभाग व प्रशासन की टीम द्वारा मानिटरिंग नही किए जाने से उत्खनन का काम कई महीनो से चल रहा है। राज्य में नई सरकार बनने के बाद उम्मीद थी कि अवैध उत्खनन पर अंंकुश लगेगा, लेकिन स्थिति ज्यों कि त्यों बनी हुई है। अवैध रूप से निकाले जा रहे खनिज की कोई रायल्टी जमा नही कराई जा रही है परिणाम स्वरूप शासन को भी राजस्व के रूप में बड़ा नुकसान हो रहा है।

किसानो को दिया जा रहा है लालच
जिले में मुरूम के उत्खनन का ठेका किसी को नही दिया गया है। उत्खनन के लिए दिए गए दर्जनों आवेदन के प्रशासन के पास लंबित है। वहीं दूसरी ओर मुरूम का अवैध खनन करने वाले खनिज माफिया नये नये तरीके अपना रहे हैं। इनके द्वारा किसानो को उनकी खेत की जमीन को समतल बनाने का झांसा देकर लालच दिया जा रहा है और समतल की आड़ मे खुदाई करके मुरूम निकाली जा रही है। पता चला है कि जिन जिन क्षेत्रों में खनिज संपदा का दोहन हो रहा है वहां जेसीबी का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।

रात्रिकालिन समय में निकलती है गाडिय़ां
जिले के ग्रामीण क्षेत्रो से अवैध मुरूम और अवैध रेत का परिवहन रात्रि कालीन समय में हो रहा है। दिन अथवा दोपहर के समय ऐसी गाडिय़ां दिखाई नही देती लेकिन रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक सैकड़ो गाडिय़ों का परिवहन हो रहा है। अवैध उत्खनन करने वालों ने अपनी गाडिय़ों को निकालने के लिए इस नये समयकाल का चयन किया है। इस समयावधि में गाडिय़ोंं की चेकिंग का काम अमूमन नही होता इधर खनिज विभाग भी उदासीन है। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में निरीक्षण नहीं किया जाता। इससे विभागीय मिलीभगत की संभावना भी पुष्ट होती प्रतीत हो रही है।

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