लैपटॉप से बिस्तर पर बैठकर काम करने से हो सकता है नुकसान

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भूलकर भी न करें ये गलतियां

लंदन । बिस्तर पर बैठकर घंटों तक ऑफिस का काम करने से आपकी सेहत बिगड़ सकती है। ज्यादातर लोग काम करते समय अकड़ जाते हैं, जिनसे रीढ़ की हड्डी भी प्रभावित होती है। यह भविष्य में आपके लिए खतरा साबित हो सकता है। लॉकडाउन में अगर आप घर से काम कर रहे हैं तो आपको कई चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। कुछ लोग घंटों तक अपने लैपटॉप के साथ बिस्तर पर बैठे रहते हैं। इससे उन्हें गर्दन और पीठ दर्द की समस्या होने लगती है। इसे नजरअंदाज करते हुए लोग बिस्तर पर बैठकर ही काम करते रहते हैं। दरअसल जो लोग बिस्तर पर बैठकर काम करते हैं उनकी हड्डियां बैठने के सही पोजीशन को भूल जाती हैं। ऐसे लोगों में रीढ़ की हड्डी में तेज दर्द होने लगता है। इसके अलावा इसकी बनावट से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। यह आपके बैठने की मुद्रा को नुकसान पहुंचाती है। लैपटॉप पर काम करते हुए या फिर किताब पढ़ते हुए बिस्तर पर बैठने से पीठ को सही तरह से स्पोर्ट नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से शरीर की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। इसके अलावा लैपटॉप पर काम करते समय आप सामने की तरफ झुकते हैं जो कि रीढ़ की हड्डी के लिए बेहद खतरनाक है। आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी ही समस्याओं के बारे में जो आपको घंटों बिस्तर पर बैठे रहने की वजह से हो सकती है।

स्लिप डिस्क की समस्या उन लोगों को होती है जो गलत तरीके से बैठकर काम करते हैं। जो लोग बिस्तर पर बैठकर घंटों काम करते हैं वो लोग सही से बैठ नहीं पाते और उनकी रीढ़ की हड्डी भी सही तरीके से एलाइन नहीं हो पाती। इस कारण उन्हें स्लिप डिस्क की समस्या हो जाती है। दरअसल डिस्क में मौजूद कुशन जैसा हिस्सा कनेक्टिव टिश्यूज के चारों ओर से बाहर की ओर निकल आता है और आगे बढ़ा हुआ हिस्सा स्पाइनल कोड पर दबाव बनाता है। इससे रीढ़ की हड्डी में दर्द होने लगता है और चलने फिरने में तकलीफ होने लगती है। इसकी वजह से कई बार पैरों में दर्द भी होता है और वो सुन्न भी हो जाती है। बिस्तर पर घंटों बैठकर काम करने से नींद न आने की समस्या भी नजर आने लगती है। दरअसल दिमाग एक विशेष व्यवहार के साथ किसी स्थान को कैसे जोड़ता है ये दिमाग को ही पता होता है। इसी कारण से बिस्तर पर बैठकर काम करने से नींद प्रभावित होती है। दरअसल इस दौरान मांसपेशियों को बिलकुल आराम नहीं मिलता और वह ठीक से काम नहीं कर पाते। ऐसे में गर्दन और कंधे में अकड़न आने लगती है। डॉक्टरों की मानें तो जब लोग बिस्तर पर बैठकर काम करते हैं तो दिमाग के लिए काम और नींद के बीच स्विच कर पाना मुश्किल हो जाता है। दिमाग को पता होता है कि बिस्तर सोने की जगह है। ऐसे में अगर आप वहां बैठकर काम करते हैं तो आपकी नींद पर इसका असर दिखाई पड़ सकता है। बिस्तर पर बैठकर काम करने वालों को अकसर गर्दन और कंधों में दर्द होने लगता है।

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